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एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की नई चाल, जानें ऑस्ट्रेलिया से क्यों बढ़ा रहा है तालमेल। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की नई चाल, जानें ट्रैक से क्यों बढ़ा रहा तालमेल?

विदेश और विदेश मंत्री- India TV Hindi

छवि स्रोत: एपी
विदेश और विदेश मंत्री

चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंध: कोरोना से जूझ रहा चीन अब भी अपनी रणनीतिक छवि में दिख रहा है। वह कभी अरब-खाड़ी देशों के साथ तो कभी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीकी देशों के साथ संतुलन को मजबूत करने पर बल दे रहा है। दरअसल चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपने दावों को और मजबूत करना चाहता है। इस क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण देश है। इसलिए चीन अब ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने दृष्टिकोण को और अधिक योजनाओं को दिखाता है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 21 दिसंबर को ऑस्ट्रेलियाई गवर्नर डेविड हार्ले और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस को बधाई पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच राजनयिक स्थिति की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ की बधाई दी। उस दिन चीन और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने चीन की राजधानी पेइचिंग में छठा स्पॉटक और सामरिक वार्ता आयोजित की और स्थिरता को सहमति पर व्यक्त की। दोनों नेता इस बात पर सहमत हैं कि वे सर्वांगी रणनीतिक साझेदारी संबंध समानता और लाभ और मतभेद को लेकर आपके एक दूसरे के आधार पर सम्मान करेंगे। यह चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच की स्थिरता को सुधारने और विकसित करने का एक नया प्रयास है।

तीन साल बाद ऑस्ट्रेलिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे के नेता ने चीन का दौरा किया

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने इंडोनेशिया के बाली में पिछले महीने मुलाकात की थी और विश्राम में सुधार के लिए दिशा निर्धारित की थी। इसके बाद अब इस बार ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने 3 साल बाद चीन का दौरा किया और 4 साल रुके हुए स्थैतिक और रणनीतिक संवाद तंत्र को बहाल किया गया। यह कदम चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंध को स्थिर करने के लिए एक नया कदम उठाया गया है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन और ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण देश हैं। 2014 में चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदला गया। साल 2015 में चीन-ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौता लागू हुआ। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले चीनी छात्रों की सबसे बड़ी संख्या के साथ चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यावसायिक कारोबारी है। COVID-19 महामारी का प्रकोप ऑस्ट्रेलिया में पहले जैसा चीन का सबसे बड़ा स्रोत था। इससे जाहिर होता है कि चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच काफी करीबी संबंध थे।

अमेरिकी प्रभाव को कम करना चाहता है चीन
हाल के वर्षों में अमेरिका के प्रभाव में ऑस्ट्रेलिया के कुछ राजनेताओं ने चीन के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग का रवैया त्याग कर चीन पर दबाव बनाने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया ने चीनी दूरसंचार को ऑस्ट्रेलिया के 5जी में निर्मित होने से भाग लेने से रोक दिया। तथाकथित चीनी खतरे का प्रचार-प्रसार किया। अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का समर्थन किया और एक त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी संबंध तंत्र में प्रवेश किया। कुछ ऑस्ट्रेलियाई राजनेताओं ने इसी कारवाहों ने चीन-ऑस्ट्रेलिया संबंध को असामान्य संकट में डाल दिया। मगर अब जीर्णोद्धार को बहाल करने में जुटे हैं। इसी साल मई में ऑस्ट्रेलिया की नई सरकार बनी। नई सरकार ने चीन के साथ संबंध को सुधार और विकसित करने की इच्छा व्यक्त की।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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