
UNA – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले भिलाई से विधायक और यहां से पूर्व महापौर रहे देवेंद्र यादव के किस्से किसी फिल्म के हीरो से कम नही है उनके स्टूडेंट लाइफ से लेकर राजनीतिक और निजी जीवन का अब तक का सफ़र काफी संघर्ष पूर्ण रहा है | हाल ही में उन्हें राहुल गाँधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा कदम से कदम मिलते देखा गया है पर आपको बता दे कुछ दिन पूर्व ही उनके घर में ED ने छापे मारी की है जिसमे ED की तरफ से अभी तक कुछ भी स्पष्ट नही हो पाया है | वही ED की छापे मारी की खबर सुनकर उनके घर के बाहर उनके समर्थकों का भीड़ लग गया | लगभग 17 घंटों तक चली ED की कार्यवाही के बाद वो अपने समर्थकों के बीच नजर आये |
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वर्त्तमान भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव ने 2018 का विधानसभा चुनाव पहली बार जीता था मगर उसके पहले ही उनके नाम एक बड़ा रिकॉर्ड रहा है इसके बारे में हम आपको बताएंगे | साथ ही हम आपको बता दें कि भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की प्रेम कहानी भी काफी अनोखी है पढ़ें पूरी खबर ..
देवेंद्र यादव का जन्म 19 फरवरी 1990 को भिलाई में ही हुआ था देवेंद्र उन लाखों लोगों में से एक नाम है. जो स्टील सिटी भिलाई से एक बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं वह अपने 5 भाई बहनों में सबसे छोटे हैं उनकी अपनी स्कूली शिक्षा भिलाई के एक बहुत ही प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान भिलाई नायर समाजन से की है| स्कूली शिक्षा की शुरूआती दिनों से ही देवेंद्र की रुचि छात्र राजनीति में और उत्साही हो गई |
अपने मिलनसार स्वभाव के कारण वह अपने शिक्षकों और साथियों के बीच लोकप्रिय बने स्कूली शिक्षा के बाद वह करियर की तलाश में और पायलट का कोर्स करने के लिए भोपाल चले गए लेकिन बहुत जल्द मिनी इंडिया भिलाई के लिए उनके प्यार उन्हें वापस ला दिया ।
एक ऐसा दौर आया जब रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज के एक कंप्यूटर विज्ञान के छात्र ने छात्र राजनीति में प्रवेश किया और बहुत जल्दी ही वह कॉलेज के अन्य छात्रों तक पहुंच गया इस लोकप्रियता ने उनके राजनीति जीवन की शुरुआत कर दी।
देवेंद्र 2009 में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन यानि एनएसयूआई दुर्ग जिले के अध्यक्ष बने | 2011 में एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के लिए राज्य का चुनाव निर्धारित था इस दौरन देवेंद्र शानदार प्रदर्शन कर रहे थे | दुर्ग जिला एनएसयूआई अध्यक्ष पद ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए शीर्ष दावेदारों में से एक बना दिया और बाद में यह दावेदरी एक बड़ी जीत में तबदिल हो गई जिसे देवेंद्र को सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त हुआ |
एनएसयूआई की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी विपक्ष में थी जो उन्हें पार्टी की प्रमुख जिम्मेदारियां मिलने का एक कारण था बाद में उन्हें एनएसयूआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने भी अपने दायित्व सौंपा 2016 में भिलाई नगर निगम का चुनाव निर्धारित था और आला कमान ने अपने नवोदित छात्र नेता को पार्टी से टिकट दिया । देवेंद्र यादव ने 45 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की और देश के सबसे कम उम्र के महापौर के रूप में नामित हुए इसके बाद पार्टी ने उन्हें पदोन्नति किया और उन्हें एनएसयूआई से युवा विंग में पदोन्नति मिली ।
2017 में उन भारतीय युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया और उन्हें मध्य प्रदेश के प्रभारी के जिम्मेदारी दी गई आपको बता दें कि देवेंद्र यादव भारत के दूसरे कम उमर के महापौर बन गए इसके पहले इसका रिकॉर्ड महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस के नाम था निर्वाचन आयोग ने भी जानकारी दी है उसके अनुसार देवेंद्र यादव की बर्थ डेट 19 फरवरी 1990 इस आधार पर मेयर बनते समय उनकी उम्र 25 साल 10 महीने थी सन 1970 में जन्मे फडनवीस 1997 में 27 साल की उम्र में मेयर बने थे | देश में सबसे कम उम्र में मेयर बनने का रिकॉर्ड संजीव नायक के नाम है वह मई 1995 में 30 साल की उम्र में नवी मुंबई के मेयर बने थे साल 2018 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने थे जिसमें लोकप्रिय सीट से देवेंद्र यादव को विधायक पद का उम्मीदवार बनाया गया था अपनी लोकप्रियता और कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने विधानसभा चुनाव भी जीता और छत्तीसगढ़ के सबसे युवा विधायक बने |
वर्तमान में छत्तीसगढ़ की भिलाई नगर सीट से विधायक हैं देवेंद्र यादव ने विधानसभा चुनाव में कुल 51044 वोटों से जीत हासिल की थी उनको बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे को चुनाव हराया था जिन्हें चुनाव में 48195 वोट मीले थे |
आपको बता दें कि राजनीतिक जीवन के अलावा देवेंद्र यादव की निजी जिंदगी भी काफी रोचक रही है जब देवेंद्र यादव स्कूल में थे, तब 11 क्लास में श्रुतिका ताम्रकार को अपना दिल दे बैठे इसके बाद देवेंद्र का पढ़ाई लिखाई में मन लगना बिल्कुल बंद हो गया देवेंद्र और श्रूतिका जब दोनो भिलाई के नायर समाजन स्कूल में पढ़ते थे तब केमिस्ट्री लैब में दोनो की नजरें टकराई।
फिर प्यार का सिलसिला आगे बढ़ा उन्होंने जैसे-तैसे इलेवंथ और ट्वेल्थ के एग्जाम पास की है इसके बाद श्रुतिका एमबीबीएस की पढ़ाई करने रसिया चली गई और देवेंद्र यहीं रह गए देवेंद्र के मुताबिक उन्हें श्रुतिका ने समझाया था की पहले करियर बनाओ फिर मिलेंगे इसके बाद देवेंद्र पायलट का कोर्स करने भोपाल चले गए लेकिन वहां भी उनका मन नहीं लगा भिलाई लौटकर उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज इंजीनियर की पढ़ाई शुरू की थी |
तीसरे सेमेस्टर में जाते ही उन छात्रों के संघ एनएसयूआई का चुनाव लड़ा और जिला अध्यक्ष बन गए दुर्ग जिले के धमधा की रहने वाली श्रुतिका की परिवार वाले इस शादी के लिए तैयार नहीं थे और उन्हें मानने के लिए 3 साल लग गए वजह सिर्फ यह थी की देवेंद्र छात्र नेता थे और उन्होंने श्रुतिका के परिवार वालों से वादा किया था कि कुछ बनकर दिखाएंगे |
इस लव स्टोरी में ट्रम्कार्ड साबित हुआ देवेंद्र यादव का करीब 46000 वोटों की बड़ी जीत के साथ महापौर निर्वाचित होना | साल 2016 में 1 दिसंबर के दिन देवेंद्र अपनी प्रेमिका डॉक्टर श्रूतिका ताम्रकार से शादी के बंधन में बंध गए श्रुतिका रायपुर स्थित शासकीय भीमराव अंबेडकर अस्पताल में डॉक्टर है परिवार वालों की राजी होने के बाद भी देवेंद्र और श्रुति का की शादी का सामाजिक विरोध हुआ अंतर जाति विवाह का दुर्ग के कथित यादव संगठन ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया इस को लेकर मीडिया में बकायदा प्रेस रिलीज की गई लेकिन समाज के अन्य वर्ग के लोगों ने इसे राजनीतिक विरोध के रूप में माना और शादी का समर्थन कर दिया |
इसके बाद से तो देवेंद्र यादव ने जो उपलब्धि हासिल की वह सबके सामने है अब खबर मिल रही है कि उनकी रौबदार छवि और युवाओं से घनिष्ठता के मददे नजर इस बार कांग्रेस उनको रिसाली से टिकट दे सकती है और इस बार अगर देवेंद्र दोबारा विधायक बने तो वह मंत्रीमंडल में भी शामिल हो सकते हैं अगर विधानसभा २०२३ में चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ सरकार बनी तब ऐसा मुमकिन हो पाएगा |
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