
देवेंद्र यादव अब छत्तीसगढ़ में किसी पहचान के मोहताज नही है,पूरे छत्तीसगढ़ में उनके समर्थकों की लंबी कतारें है।
15 वर्षों तक मुख्यमंत्री के गृहजिले का तमका लेकर राजनीति का केंद्र रहे कबीरधाम जिले में भी देवेंद्र यादव के ही तरह एक युवा नेतृत्व के साथ खास रिश्ता है।
“विकाश केशरी”
कवर्धा में युवा नेतृत्वकर्ता के रूप में विकाश काफी चर्चित है चाहे अनोखे कार्यक्रम के माध्यम से जनहित के मुद्दे उठाने की बात हो या महाकाल की बारात निकाल कर एक नई परम्परा चालू करने की,विकास ने खुद को साबित किया और राजनीतिक रुप से खुद को स्थापित किया है।
बात सन 2016 की,तब देवेंद्र देश के युवा महापौर थे और राज्य में बीजेपी की सरकार।
तब प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट लेकर विकास पीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।
गुटों में चल रही कांग्रेस में तब देवेंद्र यादव को मुख्यमंत्री के गृह जिले में सबसे बड़े कॉलेज में कार्यक्रम में अतिथि बनाकर विकास ने देवेंद्र को कवर्धा में एक मंच दिया।
जानकार बताते है कि तमाम विरोधों को झेलकर विकास ने देवेंद्र के साथ न सिर्फ कार्यक्रम का आयोजन किया बल्कि देवेंद्र ने अपनी बातों से लोगो का दिल भी जीत लिया था।
देवेंद्र के नगर निगम महापौर चुनाव में विकास अपनी पूरी टीम के साथ भिलाई में ही डेरा जमाए हुए थे।
एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस की राजनीति से आगे बढ़े देवेंद्र को अपना लीडर बनाकर विकास जैसे सैकड़ो कार्यकर्ता कांग्रेस में काम कर रहे है।
विपक्ष के संघर्ष के दौरान विकास के अनेकों कार्यक्रम में देवेंद्र कवर्धा जिले में आते रहे और कार्यक्रम में शामिल हुए।
वर्तमान समय में जब राज्य सरकार ने राजीव युवा मितान क्लब योजना के माध्यम से युवाओं को संगठित करने का काम किया है और इसकी जिम्मेदारी पूरे प्रदेश में समन्वयक के रूप में देवेंद्र यादव को दी है तो वहीं कवर्धा विधानसभा में विकास देवेंद्र के टीम का हिस्सा है और विधानसभा समन्वयक के रूप में कार्य कर रहे है।
राजनीति में समय का पहिया जब चलता है तो रेलगाड़ी और बैलगाड़ी दोनों नजर आते है
ये तो आने वाला वक्त बताएगा कि कवर्धा में अपनी जमीन पक्का करने में लगे विकास को देवेन्द्र की तरह की सफलता मिलेगी या नही पर धर्मनगरी कवर्धा में विकास खुद को स्थापित करने में कामयाब हो रहे।













