
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और केविन मैकार्थी।
सक्रिय: अमेरिका के सियासत में इन दिनों कुछ ऐसा हो रहा है कि देश के राष्ट्रपति जो बाइडेन को ‘शर्मिंदगी’ महसूस कर रहे हैं। दरअसल, रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से केविन मैक्कार्थी को प्रतिनिधि सभा के वक्ता से तब जाने के लिए बुधवार को भी मतदान हुआ, लेकिन केविन को जगह नहीं मिल सकी। सिर्फ इतना ही नहीं, रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य अफ्रा-तफरी के इस माहौल को खत्म करने के लिए कोई नई रणनीति बनाने में भी नाकाम रहे।
हारमोंसक को तैयार नहीं हैं केविन
केविन को चौथे, पांचवे और छठे चरण के मतदान में भी पर्याप्त संख्याबल नहीं मिला, लेकिन वह हारने के लिए तैयार नहीं हैं। केविन को जीत के लिए 218 वोट चाहिए लेकिन उन्हें 216-214 वोट मिल सकते हैं। केविन ने देर रात अपने साथियों के साथ बैठक की और बाद में कहा, ‘कोई समझौता नहीं हुआ, लेकिन काफी प्रगति हुई।’ रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने केविन को इस बड़े पद पर पहुंचाने के लिए कई बार पोलिंग कराई, लेकिन हर बार वही नतीजा सामने आया।
‘यह काफी शर्मनाक है’
बता दें कि पिछले 100 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब पहले चरण के मतदान में प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष यानी कि सदन के वक्ता का चुनाव नहीं हो सका। राष्ट्रपति जो बिडेन केंटुकी में एक कार्यक्रम के लिए व्हाइट हाउस होते हुए रवाना होने के लिए इस बात के लिए शर्मिंदगी ने इजहार किया। उन्होंने कहा कि ‘सदन के हालात पूरी दुनिया देख रही है। मुझे लगता है कि इसमें काफी वक्त लग रहा है और यह काफी शर्मनाक है।’













