














UNITED NEWS OF ASIA. दिल्ली में राजनीति का पारा चढ़ गया है! आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की वरिष्ठ नेता लक्ष्मी कांता चावला से मुलाकात कर राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। केजरीवाल की इस अप्रत्याशित मुलाकात ने दिल्ली से लेकर पंजाब तक अटकलों को जन्म दे दिया है।
शनिवार (15 मार्च) को अमृतसर में हुई इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है। केजरीवाल की इस मुलाकात पर बीजेपी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, जबकि पंजाब के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर केजरीवाल बीजेपी में शामिल होने की सोच रहे हैं, तो बीजेपी उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगी।
दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनिता केजरीवाल 10 दिन के विपश्यना पर गए थे। वापसी के तुरंत बाद केजरीवाल ने अमृतसर पहुंचकर विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर से भी मुलाकात की। इसके बाद केजरीवाल की बीजेपी नेता से मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार की है। 18 मार्च को लुधियाना में केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। इस रैली को आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए ‘मास्टरस्ट्रोक’ माना जा रहा है।
क्या केजरीवाल की बीजेपी नेता से मुलाकात महज संयोग थी या इसके पीछे कोई सियासी समीकरण छिपा है? क्या केजरीवाल पंजाब में अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं? इन सवालों के जवाब के लिए बने रहिए हमारे साथ!
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