कबीरधामछत्तीसगढ़

कवर्धा पुलिस की तत्परता: पीड़ित मां को मिला खोया हुआ दूध पीता बच्चा

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | दिनांक 08.12.24 को थाना कवर्धा में एक बेहद सजीव और मानवता को सराहने योग्य घटना घटी, जब पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई कर एक परेशान और पीड़ित मां को उसका खोया हुआ दूध पीता बच्चा वापस मिल गया। यह घटना उस समय की है जब एक महिला, उमा निषाद, जो कन्हेरा बेमेतरा की रहने वाली हैं, ने अपने पति द्वारा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के बाद अपने घर को छोड़कर अपने मायके, कवर्धा में शरण ली थी।

उमा निषाद ने बताया कि उसके पति, ओमप्रकाश निषाद, ने 05 दिसंबर 2024 को उनके 2 साल के दूध पीते बच्चे को लेकर उसे घर से बाहर कर दिया था। इस घटना के बाद उमा को न केवल शारीरिक और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा, बल्कि अपने छोटे से बच्चे की चिंता ने उसकी स्थिति को और भी कठिन बना दिया था। बच्चा अभी बहुत छोटा था और मां के बिना उसे दूध पिलाने और देखभाल करने में कठिनाई हो रही थी।

यह जानकारी मिलने पर थाना कवर्धा में पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई। पुलिस अधीक्षक कबीरधाम के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस की एक टीम गठित की। टीम ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू की और बच्चा कहां है, इसकी जानकारी जुटाई। पुलिस टीम ने पहले तो ओमप्रकाश निषाद का पता लगाया और फिर उसे पकड़ने के लिए छानबीन की।

पुलिस की तत्परता और संजीदगी से उमा निषाद का बच्चा सही सलामत अपने पिता के पास से वापस लाया गया। बच्चे के वापस लौटने से उमा के चेहरे पर मुस्कान लौट आई और उसकी पीड़ा का थोड़ा राहत मिला। वह बच्चा अब अपनी मां के पास सुरक्षित था और उसकी देखभाल भी ठीक तरीके से हो रही थी।

पुलिस की इस सफलता पर थाना प्रभारी महोदय ने कहा कि, “हमारी प्राथमिकता हमेशा पीड़ितों को न्याय दिलाना और उनका दर्द कम करना है। यह केस विशेष रूप से संवेदनशील था, क्योंकि बच्चा बहुत छोटा था और उसकी मां से बिछड़ने से दोनों को ही मानसिक पीड़ा हो रही थी। हमारे लिए यह जरूरी था कि बच्चे को जल्द से जल्द उसकी मां से मिलवाया जाए।”

इस मामले ने यह भी दर्शाया कि पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब मामला महिला और बाल सुरक्षा से संबंधित हो। पुलिस की तत्परता ने इस कठिन परिस्थिति में दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की और पीड़िता को मानसिक शांति प्रदान की।

उमा निषाद ने पुलिस का धन्यवाद किया। उसे अपने बच्चे को वापस पाकर अपार खुशी मिली। यह घटना सिर्फ एक पीड़ित महिला की राहत नहीं थी, बल्कि पूरे समाज के लिए एक संदेश था कि पुलिस प्रशासन हमेशा नागरिकों के साथ खड़ा रहता है और उनकी मदद करने के लिए तत्पर रहता है।

इस मामले में पुलिस की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को सभी ने सराहा और यह साबित किया कि यदि प्रशासन और पुलिस मिलकर काम करें तो किसी भी कठिन स्थिति को सुलझाया जा सकता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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