UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा । छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति का नेतृत्व कर रही विष्णुदेव साय सरकार ने कुपोषण और बच्चों के अस्वस्थ बचपन को खत्म करने का मजबूत संकल्प लिया है। राज्य में चलाए जा रहे प्रभावी स्वास्थ्य अभियानों का उद्देश्य न केवल कुपोषण को जड़ से मिटाना है, बल्कि हर बच्चे को स्वस्थ और समृद्ध जीवन प्रदान करना भी है।
कवर्धा के वार्ड नंबर 9 की एक छोटी बच्ची भावना भास्कर, जिसकी जिंदगी सरकार के सीएसएएम (गंभीर कुपोषण प्रबंधन) कार्यक्रम के माध्यम से पूरी तरह बदल गई। जन्म के बाद उचित पोषण और देखभाल की कमी के कारण भावना का स्वास्थ्य बिगड़ता गया, लेकिन सरकार के अभियान और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों ने न केवल भावना को कुपोषण से बाहर निकाला, बल्कि उसे स्वस्थ जीवन की ओर भी अग्रसर किया। पोषण की सही देखरेख और नियमित फॉलो-अप से अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। छत्तीसगढ़ की सरकार और स्थानीय समुदाय एक साथ मिलकर राज्य के बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए कार्य कर रही हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि कवर्धा के वार्ड नंबर 9 में रहने वाले अशोक भास्कर और उनकी पत्नी शिव कुमारी की बेटी भावना भास्कर जन्म के बाद से कुपोषण की समस्या से जूझ रही थी। माता-पिता अपने-अपने कामों में व्यस्त रहने के कारण भावना के खानपान पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे सके। जन्म के पहले 24 घंटे में मां का दूध न मिलने, 5 महीने में अन्नप्राशन कराने और सही पूरक पोषण आहार की कमी से भावना का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा।
भावना के भोजन में मुख्य रूप से बिस्किट, चिप्स और अन्य तैयार खाद्य पदार्थ शामिल थे, जिससे उसका वजन और विकास सामान्य से पीछे रह गया। गांव में बच्चों को जल्द ही अन्नप्राशन कराने की परंपरा और सही पोषण की जानकारी के अभाव में भावना कुपोषण का शिकार हो गई। जब यह बात आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मैया वैष्णव को पता चली, तो उन्होंने भावना को सीएसएएम कार्यक्रम में पंजीकृत किया। परिवार को सही पोषण और बच्चों की देखभाल के महत्व को समझाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलकर काम किया।
कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन और सतत प्रयासों से भावना के खानपान में सुधार हुआ। हर सप्ताह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने फॉलोअप किया और परिवार को सही पूरक आहार के महत्व के बारे में जानकारी दी। 11 सप्ताह के उपचार और देखभाल के बाद भावना का वजन और ऊंचाई सामान्य स्तर पर आ गए।
वर्तमान में भावना पूरी तरह से स्वस्थ है। उसका वजन 9.2 किलो और ऊंचाई 81 सेमी है। उसे अब मासिक फॉलोअप पर रखा गया है। यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि जागरूकता, सही मार्गदर्शन, और सामुदायिक प्रयासों से कुपोषण जैसी बड़ी समस्या को हराया जा सकता है। भावना भास्कर की कहानी न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे समाज को सही पोषण और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने का संदेश देती है। आज भावना पूरी तरह स्वस्थ है, और यह साबित करता है कि सही मार्गदर्शन और शासन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से हर बच्चा स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकता है।