
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (आईपीएस) ने आज छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित सेंदुरखार (कबीरधाम) और दुर्कुट्टा (डिंडोरी) गांवों का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, सामुदायिक पुलिसिंग को प्रोत्साहित करना और शिक्षा व विकास से संबंधित विषयों पर स्थानीय समुदाय से संवाद करना था।
सेंदुरखार गांव: शिक्षा पर विशेष जोर
अपने दौरे के दौरान धर्मेंद्र सिंह ने सेंदुरखार गांव में स्कूली बच्चों से संवाद किया और उन्हें शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा सफलता की कुंजी है, और हमें मिलकर बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रयास करना चाहिए।” उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कठिन परिश्रम और शिक्षा से जीवन में हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और सीमा क्षेत्र में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए फीडबैक लिया। ग्रामीणों ने सीमावर्ती सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का आश्वासन दिया।
दुर्कुट्टा गांव: सुरक्षा और सामुदायिक पुलिसिंग पर जोर
पुलिस अधीक्षक ने डिंडोरी जिले के दुर्कुट्टा गांव में स्थानीय नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों की रोकथाम और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्थानीय नागरिकों के साथ अधिक संवाद स्थापित करें और सामुदायिक पुलिसिंग को प्राथमिकता दें।
उन्होंने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। नागरिकों के सहयोग से न केवल सुरक्षा को मजबूती दी जा सकती है, बल्कि विकास कार्यों में भी तेजी लाई जा सकती है।”
सामुदायिक सहयोग से विकास की ओर कदम
धर्मेंद्र सिंह ने सामुदायिक पुलिसिंग को सशक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने और नागरिक सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा में स्थानीय समुदाय की भागीदारी से न केवल अपराधों पर लगाम लगेगी, बल्कि यह विकास की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा।
प्रशासन और नागरिकों के साझा प्रयास
पुलिस अधीक्षक के दौरे में कबीरधाम पुलिस के अन्य अधिकारी भी शामिल थे। इस यात्रा के माध्यम से न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाए गए, बल्कि नागरिकों के साथ विश्वास और सहयोग को भी बढ़ावा दिया गया।
पुलिस अधीक्षक की यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के संतुलन को सुनिश्चित करने के साथ ही स्थानीय समुदाय को प्रशासन का एक अभिन्न अंग बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
















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