
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | शादियों में दहेज को लेकर अक्सर बहस होती रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में एक अजीबो-गरीब परंपरा है, जिसमें दहेज के रूप में सोने-चांदी के बजाय जहरीले सांप दिए जाते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है और संवरा आदिवासी समाज के लोगों के बीच सख्ती से पालन की जाती है।
कवर्धा जिले का अनोखा रिवाज
कवर्धा जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाके में यह परंपरा बहुत आम है। यहां के लोग अपनी बेटियों की शादी के लिए महंगे तोहफों के बजाय सांपों का इंतजाम करते हैं। लड़के पक्ष द्वारा शादी के दौरान अलग-अलग प्रजातियों के जहरीले सांपों की मांग की जाती है, और यदि लड़की पक्ष इन्हें पूरा नहीं करता, तो शादी रुक सकती है।
कैसे होती है सांपों की व्यवस्था?
यह सांप दहेज में देने की परंपरा यह सुनिश्चित करती है कि लड़की पक्ष सांपों का इंतजाम करने के साथ-साथ अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए इन सांपों को इकट्ठा करता है। ये सांप आमतौर पर वे लोग इकट्ठा करते हैं, जो सांपों को पकड़ने और दिखाने के लिए घूमते रहते हैं। बदले में उन्हें चावल, आटा या कुछ पैसे दिए जाते हैं। यह एक तरह का आय का साधन बन चुका है, जिसे ये लोग शादी के आयोजन में दहेज के रूप में देते हैं।
समाज की जरूरतें और सांपों का महत्व
यह परंपरा केवल एक रिवाज नहीं, बल्कि इस आदिवासी समाज के जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। शादी के लिए सांपों की डिमांड इस समाज की सामाजिक और आर्थिक आवश्यकताओं से जुड़ी है। इसके माध्यम से वे अपने पारंपरिक जीविका को भी जीवित रखते हैं और इस प्रक्रिया में सांपों का उपयोग उनके पारंपरिक जीवन के केंद्र में है।
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले का यह अनोखा रिवाज एक ओर जहां अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है, वहीं यह दहेज प्रथा के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करता है। यह परंपरा आधुनिक समाज के दृष्टिकोण से तो अजीब लग सकती है, लेकिन यह इस समाज के लिए एक आवश्यक और पुरानी परंपरा का हिस्सा है, जो आज भी मजबूती से कायम है।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :