कबीरधामछत्तीसगढ़

Kawardha News : उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा के प्रयासों से कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में 30 नई प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों का पुनर्गठन

राज्य शासन द्वारा पुनर्गठन योजना 2025 का हुआ प्रकाशन

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। उपमुख्यमंत्री व कवर्धा विधायक  विजय शर्मा के नेतृत्व में कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उपमुख्यमंत्री  शर्मा के अथक प्रयासों से 30 नई प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों का गठन किया गया है, जिससे क्षेत्र के किसानों को अब धान बेंचने, आसानी से कृषि ऋण और अन्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। इस पहल से क्षेत्र के किसानों को विशेष लाभ होगा, किसानों को अब बैंक से कृषि ऋण लेने में सहुलत होगी। इन सोसायटियों के गठन से क्षेत्र के कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार की संभावना भी बढ़ेगी और किसानों के बीच आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल को लेकर किसानों में उत्साह है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह कदम आने वाले समय में क्षेत्र के विकास की रफ्तार को और तेज करेगा।

छत्तीसगढ़ शासन के सहकारिता विभाग द्वारा जिला कबीरधाम की प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों के पुनर्गठन के लिए “पुनर्गठन योजना 2025“ को छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 292 नवा रायपुर, दिनांक 03 अप्रैल 2025 के माध्यम से प्रकाशित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत कवर्धा विधानसभा में 30 नई प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों के गठन का प्रस्ताव शामिल है। इसके अंतर्गत कवर्धा विधानसभा के नवीन सोयटी धमकी, कोठार, छांटा झा, बरहट्ठी, बेंदरची, निवासपुर, बम्हनी, खड़ौदाकला, खरहट्टा, बैहरसरी, भालुचुवा, कबराटोला, बासिनछोरी, छीरबांधा, दैहानडीह, खड़ौदाखुर्द, सिली पचराही, सूखाताल, कान्हाभैरा, छीरपानी, सिंगारपुर, रक्से, जरती, मोहगांव, पथर्रा, कल्याणपुर, मोतिमपुर, खोलवा, घानुखुटा और ग्राम खिरसाली में नई प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों के गठन का प्रस्ताव शामिल है।

उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के किसानों के उत्थान के लिए यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है। इन 30 प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों के माध्यम से हम किसानों को समुचित वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। हमारा उद्देश्य कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस कदम से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में कृषि आधारित विकास की नई दिशा भी खुलेगी। कृषि से जुड़े अन्य कार्यों में सहकारी सोसायटियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

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