UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। कबीरधाम जिले में “निक्षय-निरामय छत्तीसगढ़“ 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान का शुभारंभ 7 दिसंबर 2024 से होगा। यह अभियान 24 मार्च 2025 तक चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य टीबी और कुष्ठ रोग से ग्रसित शंकास्पद मरीजों की पहचान कर उपचार करना और जिले में मृत्यु दर को कम करना है।
इस संबंध में कलेक्टर गोपाल वर्मा ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान को प्रभावी बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और इसे जनभागीदारी से जोड़ा जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि अभियान के दौरान सभी चरणों में समयबद्ध तरीके से कार्य सुनिश्चित हो।
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों से अभियान में सक्रिय रूप से भागीदारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ सुनिश्चित करना है। उन्होंने संबंधित विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए ताकि अभियान के दौरान अधिकतम जरूरतमंद लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कबीरधाम, डॉ. बी.एल. राज के मार्गदर्शन में यह अभियान संचालित होगा।
जिला नोडल अधिकारी (क्षय नियंत्रण कार्यक्रम) डॉ. केशव ध्रुव ने बताया कि अभियान के तहत टीबी और कुष्ठ रोग के शंकास्पद मरीजों की पहचान की जाएगी। इसके अलावा, उच्च जोखिम समूहों जैसे 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति, मधुमेह और एचआईवी मरीज, टीबी के संपर्क में आए व्यक्ति, कुपोषित लोग जिनका बीएमआई 18 से कम है, की पहचान कर उन्हें उपचार प्रदान किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपमा तिवारी ने बताया कि यह अभियान चार चरणों में संचालित होगा। जिसमें घर-घर सर्वेक्षण और “निक्षय स्वास्थ्य शिविरों“ का आयोजन किया जाएगा। वयोवृद्ध स्वास्थ्य संरक्षण कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों की हेल्थ प्रोफाइल तैयार की जाएगी ताकि समय-समय पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सके।