कबीरधामछत्तीसगढ़

Kawardha News : भोरमदेव महोत्सव के दौरान उपद्रव कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ कबीरधाम पुलिस की कड़ी कार्यवाही

उपद्रव कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ कबीरधाम पुलिस की सख्त कार्यवाही जारी रहेगी

कुर्सियां तोड़फोड़ करने वाले दो लोग गिरफ्तार

धरा 170 BNSS के तहत जेल भेजने की तैयारी

ड्रोन कैमरे, सोशल मीडिया और पुलिस नेटवर्क की जारी है हर एक उपद्रवी की पहचान!

कबीरधाम पुलिस की चेतावनी – अगली बार कुर्सी नहीं, सलाखें मिलेंगी!

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | भोरमदेव महोत्सव के दौरान उपद्रव कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों के खिलाफ कबीरधाम पुलिस की सख्त कार्रवाई की है। भीड़ का फायदा उठाकर कुर्सियाँ तोड़ने और माहौल बिगाड़ने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। आज पुलिस ने दो लोगों—

  •  लक्ष्मण मरकाम पिता विष्णु मरकाम (उम्र 32 वर्ष, निवासी राजमहल चौक, कवर्धा)
  •  सुरेश यादव पिता धंसू यादव (उम्र 22 वर्ष, निवासी सिवनी, थाना चिल्फी)

को गिरफ्तार कर भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 170 के तहत अनुविभागीय दंडाधिकारी बोड़ला के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है जहां इनके विरुद्ध इस्तगासा पेश कर उन्हें जेल भेजने का आग्रह किया जा रहा है । लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है— जो भी इस उपद्रव में शामिल था, उसे जल्द ही सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

घटनास्थल पर तैनात ड्रोन कैमरों, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग, ग्राम कोटवारों और मुखबिरों की सूचना के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने इनका फोटो-वीडियो जारी कर कोड नंबरिंग कर दिया है, अब कोई भी बच नहीं पाएगा। जो लोग सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचा रहे थे, वे या तो खुद सामने आ जाएं या फिर पुलिस उन्हें खोज निकालकर जेल भेजेगी।

पुलिस की यह कार्रवाई महज औपचारिकता नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश है— जो भी कानून तोड़ेगा, वह जेल जाएगा। आम जनता से अपील है कि यदि किसी को इन उपद्रवियों के बारे में कोई जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 9479254954 पर सूचित करें।

 सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
सटीक जानकारी देने वालों को उचित इनाम दिया जाएगा।
 अपराधियों को बचाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।

जो भी भविष्य में इस तरह की हरकत करने की सोच रहा है, वह एक बार पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही को देख लेवें— अगली बार टूटी कुर्सी नहीं, बल्कि सलाखें होंगी!

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