UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। कबीरधाम जिले के रामहेपुर में स्थित प्रदेश का पहला पीपीपी मॉडल पर आधारित एथेनॉल प्लांट ग्रामीण और स्कूली बच्चों के लिए परेशानी का सबक बना हुआ है, दरअसल इस एथेनॉल प्लांट से निकलने वाली अवशिष्ट पदार्थ को गांव के बाहर और स्कूल के समीप खुले में फेंक दिया गया है।
भारी बदबू से परेशान बच्चे:
जिससे यह अवशिष्ट पदार्थ से निकलने वाली बदबू से ग्रामीण तो परेशान है ही साथ ही स्कूल के आसपास यह अवशिष्ट पदार्थ डंप होने के अवशिष्ट पदार्थ से निकलने वाली बदबू से स्कूल और इसके आसपास का वातावरण बुरी तरह से प्रदूषित हो गया है। स्कूल परिसर में बदबू इतनी ज्यादा आती है कि बच्चे परेशान हो जाते हैं। स्थिति यह होती है कि उन्हें अपने क्लास के कमरों के खिड़की और दरवाजे बंद करना पड़ता है।
प्लांट प्रबंधन ममाले को नहीं रहे गंभीर:
जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव तो पड़ता ही है। साथ ही साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, अब स्कूली बच्चे और ग्रामीण भी बदबू से मुक्ति के लिए मांग कर रहे हैं। लेकिन अपने एयर टाइट केबिन में बैठे प्लांट प्रबंधन को अपने केबिन में कोई स्मेल नही आने से उन्हें ऐसा लगता है कि बाहर में भी कोई स्मेल नही है,ग्रामीण और स्कूली बच्चों की शिकायत भी उनके लिए सामान्य है।