कबीरधामछत्तीसगढ़

Kawardha News : जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा मनाया गया ममतामई मिनीमता का पुण्यतिथि….

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। जिला कांग्रेस कमेटी कबीरधाम द्वारा शहर के राजीव भवन कार्यालय में मिनीमाता का पुण्यतिथि मनाया गया,जिसमे सर्वप्रथम कवर्धा बिलासपुर रोड में स्थित मिनीमाता जी का मल्यापन कर पूजा अर्चना किया गया।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अगम अनंत,महिला शहर अध्यक्ष वर्षा रानी ठाकुर,ब्लॉक अध्यक्ष उतरा दिवाकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में माता का दर्जा ममतामई मिनीमता को दिया गया है,ऐसी माता जिन्होंने छत्तीसगढ़ के उत्थान के लिए अनेक काम किये हैं,छत्तीसगढ़ के अंदर मौज़ूद अनेक बुराइयों के लिए आवाज उठायी और उनको दूर भी की,ऐसी ममतामयी माता जिन्होंने सिर्फ और सिर्फ लोगों की भलाई के बारे में ही सोचा।

मीनाक्षी देवी (मिनी माता) का जन्म असम राज्य के नवागांव नामक स्थान पर 15 मार्च 1916 को हुआ था।मिनी माता जी का सम्बन्ध छत्तीसगढ़ से ही था परन्तु परिस्थिति ने उनके परिवार को छत्तीसगढ़ से असम पहुंचा दिया था।कहा जाता है,कि अकाल किसी को भी राजा से रंक बना सकता है और ऐसा हुआ भी।

बात है साल 1897 से लेकर 1899 की,इस समय छत्तीसगढ़ में प्रकृति ने अपना कहर बरपाना शुरू किया था,तब इन 2 सालों में ऐसा सूखा पड़ा की,किसान खाने के मोहताज़ हो गए।ऐसे ही तब के बिलासपुर जिले के पंडरिया के पास के गांव सगोना के एक मालगुज़ार थे,अघारीदास महंत,जिन्हे भी प्रकृति के इस कहर से बचने के लिए पलायन करना पड़ा था।

युवा कांग्रेस कवर्धा वि.सभा अध्यक्ष वाल्मिकी वर्मा ने कहा कि असम पहुंचने के पश्चात किसी 15 मार्च 1916 की रात देवमती के घर एक ऐसी कन्या का जन्म हुआ,जिन्होंने न सिर्फ अपने परिवार रोशन किया,बल्कि आगे चलकर पुरे देश में फैले कुरीतियों का भी नाश किया।इस कन्या का नाम मीनाक्षी रखा गया।जिसे लोग प्यार से मिनी के नाम से भी बुलाते थे।1920 के आते आते देश में स्वराज आंदोलन शुरू हो चुके थे,जिनका अमिट छाप मिनी माता के में भी दिखने लगा था।

1932 में मिनी माता का विवाह गुरु अगमदास जी से करवा दी।इस प्रकार मिनी माता पुनः असम से छत्तीसगढ़ पहुँच जाती है।मिनी माता का राजनितिक सफर:1955 उपचुनाव जीतकर में सर्वप्रथम महिला सांसद बनने का गर्व प्राप्त हुआ।1957 में पुनः संयुक्त संसदीय क्षेत्र रायपुर,बिलासपुर और दुर्ग से जीतकर सांसद बनी।

1962 में बलौदाबाजार क्षेत्र से 52 फीसदी ज्यादा मतों से जीतकर दिल्ली में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व की।1967 में जांजगीर संसदीय क्षेत्र से पिछले बार से ज्यादा मत प्रतिशत के साथ जीतकर सांसद में अपना दमदार प्रतिनिधित्व का लोहा मनवाई।मिनी माता ने 1971 के चुनाव में पुनः जांजगीर क्षेत्र से चुनाव जीतकर पांच बार चुनाव जितने का तमगा हासिल की।छत्तीसगढ़ के विधानसभा भवन का नाम भी ममतामयी माता “मिनी माता” के नाम से किया गया है।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कांग्रेसी ईश्वर शरण वैष्णव के किया और अभार प्रदर्शन अजहर खान ने किया।

उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी अगम अनंत, सीमा अनंत,महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष, वर्षारानी ठाकुर शहर अध्यक्ष, उतरा दिवाकर ब्लॉक अध्यक्ष कुंडा, ईस्वर शरण वैष्णव, वरिष्ठ कांग्रेसी, गोपाल चंद्रवंशी कार्यलय प्रभारी, गणेशनाथ योगी,वाल्मीकि वर्मा, महेंद्र कुम्भकार,अशोक सिंह ठाकुर,जलेश्वर यादव, मणिकांत त्रिपाठी, पंचू कोसरिया,रामकुमार सिन्हा,बाबू लाल गोप, शरद बांगली, परमेश्वर मानिकपुरी, नन्द पाटिल,कृष्णा साहू, संजय धुर्वे,रोशनी खान,मोह्हमद अजहर,पिंकी बंजारे, मेहुल सत्यवंशी, आंनद ठाकुर,नेतराम साहू,एन. डी. मानिकपुरी, नरेश साहू,विजय बाजकर, प्रकाश बारले, पेखन टंडन एवं अन्य कार्यकर्ताओ की उपस्थित में सम्पन्न हुआ

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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