
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वदेश दर्शन 2.0 में दो बड़ी योजनाओं के प्रस्ताव केंद्र को सौंपे गए
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस अवसर पर पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य भी उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन विकास से जुड़ी दो बड़ी योजनाओं के प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री को सौंपे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ के तहत महाप्रभु वल्लभाचार्य यज्ञ कुंड परिसर, चंपारण्य के सौंदर्यीकरण और भोरमदेव कॉरिडोर, जिला कबीरधाम की परियोजनाओं के प्रस्ताव केंद्र को प्रस्तुत किए गए। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 200 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्ताव है।
महाप्रभु वल्लभाचार्य यज्ञ कुंड परिसर, चंपारण्य परियोजना के अंतर्गत, परिसर का संपूर्ण सौंदर्यीकरण, भव्य प्रवेश द्वार, तालाब का ब्यूटीफिकेशन, पार्किंग एरिया, महाप्रभु वल्लभाचार्य की भव्य प्रतिमा, म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर, भागवत कथा एवं प्रवचन हॉल, बच्चों के लिए गार्डन, कैफेटेरिया, सड़क निर्माण, लैंडस्कैपिंग, सोवेनियर शॉप, पेयजल और पब्लिक टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास का प्रस्ताव है।
वहीं, भोरमदेव कॉरिडोर परियोजना के तहत ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर परिसर का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। परियोजना में पर्यटक सूचना केंद्र, शिव प्लाजा, झील और सरोधा डैम का सौंदर्यीकरण, बच्चों के लिए पार्क, गेस्ट हाउस, लाइब्रेरी, म्यूजियम, भंडारा भवन, मेला ग्राउंड, प्रवेश द्वार और पार्किंग निर्माण शामिल है। इसके अतिरिक्त, छेरकी महल, मड़वा महल और रामचूआ मंदिर का सौंदर्यीकरण तथा जल क्रीड़ा के लिए घाट निर्माण का भी प्रस्ताव रखा गया है।
बैठक के दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन योजनाओं की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को इनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ पर्यटन को एक नई गति और दिशा मिलेगी। भोरमदेव कॉरिडोर और चंपारण्य परियोजनाएं न केवल राज्य की ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करेंगी, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
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