चुनावी वायदे के मुताबिक नहीं किया जा रहा धान की कीमत का भुगतान
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। प्रदेश की भाजपा सरकार किसानो से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने में पूरी तरह से विफल व नाकाम नजर आ रही है। सच तो ये है कि भाजपा सरकार देवतुल्य किसानो से उनकी मेहनत से उपजाई गई धान को खरीदना ही नहीं चाह रही है। यही वजह है कि धान खरीदी के शुरूआती दिनो से ही उसकी मंशा और नियत में खोट नजर आ रही है। उक्त बातें जिला पंचायत सदस्य तुकाराम चन्द्रवंशी ने जारी बयान में कही।
चन्द्रवंशी ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हांथो लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा समर्थन मल्य में धान खरीदी का शुभारंभ 14 नवम्बर से किया गया था। लेकिन भाजपाईयों द्वारा समितियों में फीता काटने के हप्तेभर बाद से ही केन्द्रों में बारदाना की किल्लत खड़ी हो गई। किसानो को स्वयं बारदाना लाने का फरमान जारी कर दिया गया। वहीं धान का टोकन जारी करने में भी सरकार द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है जिसके कारण धान खरीदी को प्रारंभ हुए एक महिना से अधिक का समय होने के बाद भी अभी तक लक्ष्य के विरूद्ध आधी से भी कम धान की खरीदी हो पाई है।
दूसरी तरफ भाजपा ने प्रदेश की सत्ता में काबिज होने की मंशा से जारी किए गए अपने घोषणा पत्र के विपरीत देवतुल्य किसानो को 3100 रूपए प्रति क्विंटल धान की कीमत देने की बजाए मात्र 2300 रूपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है। जो किसानो के साथ सरासर बादा खिलाफी और धोखाधड़ी है।
चन्द्रवंशी ने कहा कि अगर वास्तव में भाजपा सरकार की नियत साफ है और वह किसानो को देवतुल्य मानती है तो उसे किसानो को धान का समर्थन मूल्य अपने चुनावी वायदे के मुताबिक पंचायत स्तर पर एक मुस्त 3100 रूपए प्रति क्विंटल तथा केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाया गया अतिरिक्त समर्थन मूल्य दिया जाना चाहिए। लेकिन भाजपा सरकार चुनाव में घोषणा पत्र के जरिए अपना उल्लू सीधा कर किसानो से किया गया वायदा भूल गई है।
सरकार कर रही राईस मिलर्स के अधिकारों का हनन
वहीं तुकाराम चन्द्रवंशी ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानो के साथ ही राईस मिलर्स के अधिकारों का भी हनन किया है। उन्होने कहा कि प्रदेश की पूर्वति कांग्रेस सरकार द्वारा राईस मिलर्स से धान उठाव के लिए 120 रूपए में अनुबंध किया था लेकिन भाजपा सरकार ने इसमें भारी कटौती करते हुए इसे मात्र 80 रूपए कर दिया है।
इसके अलावा राईस मिलर्स का लंबित भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है। जिसके चलते जिले सहित प्रदेश के धान खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव नहीं हो पा रहा है। समर्थन मूल्य में धान खरीदी के प्रति प्रदेश की भाजपा सरकार का रवैया निश्चित रूप से उसकी मंशा का स्पष्ट कर रहा है। चन्द्रवंशी ने कहा कि समझ से परे है कि भाजपा सरकार देवतुल्य किसानो के साथ इस तरह का धोखा कर कैसे सुशासन का राग अलाप सकती है?