UNITED NEWS OF ASIA. सूखा नशा, आमतौर पर नशे का वो तरीका जिसे सार्वजनिक तोर पर पहचान पाना मुश्किल हो जाता है उसे बोलचाल की भाषा मे सूखा नशा कह दिया जाता है. सूखा नशा कई रूपों मे मिलता है जैसे गांजा, इंजेक्शन, सिलोशन आदि. कवर्धा शहर जो की धर्मनगरी कवर्धा के नाम से जाना जाता है अब सूखे नशे की चपेट मे पूरी तरह आ चूका है.
कवर्धा शहर सहित आसपास के इलाके मे बढ़ रही चोरी और अपराध की घटनाओ के पीछे इस नशे का सेवन करने वालो की संलिप्त होने की संभावना ज्यादा रहती है.कवर्धा थाना अंतर्गत लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक जनता मांग कर रही है की इस नशे के कारोबार पर लगाम कशे पर लगता है मानो कवर्धा मे कोई थाना पुलिस नाम की चीज ही नहीं रह गयी है.
गौरतलब है की व्हाट्सप्प ग्रुप कवर्धा जंक्शन जिसमे जिले के वरिष्ठ नेता अधिकारी जनता जनार्दन जुड़े है मे लगातार सूखे नशे से जुड़े युवाओं द्वारा किये जा रहे पेट्रोल चोरी, चोरी की नियत से घुसने, कबाड़ी सामान चोरी करने, चाकू लहराने के फुटेज सहित आवेदन दिए जा रहे है पर लगता है की पुलिस द्वारा इन्हे खुले आम संरक्षण दिया जा रहा है
कवर्धा शहर मे हुई बड़ी चोरी की घटनाओं मे आज पर्यन्त तक कोई भी कार्यवाही न होना कई संदेह पैदा करता है
हमनें जनता के बीच जाकर इस विषय मे पड़ताल की तो पाया की अब धर्मनगरी कवर्धा की जनता पुलिस से ज्यादा स्वयं रात मे जगकर अपनी और अपने जानमाल की सुरक्षा करना ज्यादा बेहतर समझती है ये बात सर्वज्ञात है की कवर्धा के कुछ खास स्थानों पर छोटे बड़े पुड़िया मे ये अवैध नशे का सामान आसानी से मिल जाता है
कवर्धा थाना से कुछ ही दुरी पर आसानी से आप ये सामान खरीद सकते है
छोटी मोटी कार्यवाही कर पुलिस प्रशासन अपनी तारीफ करने नहीं थकती वहीँ इन सब पर कार्यवाही मात्र से हाथ कापने लगते है मानो किसी बड़े प्रभावशील व्यक्ति का दबाव है.
आखिर आता कहा से है ये नशे के सामान
ये विचारणीय है की चिल्फी मे आये दिन पकड़ाए जाने वाले गांजा की खेप जिले के अन्य थानो से बिना पकड़ाए कैसे गुजर जाती है आखिर कैसे बीच शहर मे गांजा, नशे के इंजेक्शन, शिलोशन मिलते है नशे के सौदागरो मे इस बात का जरा भी डर न होना किसी सेटिंग के संदेह को जन्म देता है
अवैध शराब की दुकाने हर जगह संचालित
ड्राई डे हो या शराब दुकान बंद हो जाने के बाद का समय, आपको आपकी पसंद की शराब आसानी से कुछ क़ीमत देने पर हर जगह उपलब्ध हो जाएगी. आबकारी विभाग और पुलिस विभाग बस किसी गांव के व्यक्ति को 20-25 शराब की बोतलों के साथ पकडकर अपनी पीठ खुद थपथपा लेती है.
ढाबा मे चल रहे अवैध शराब सेवन
कवर्धा शहर से लगे हुए अमूमन सभी ढाबों मे खुलेआम शराब सेवन का कार्य कराया जा रहा है
कुछ ढाबो मे शराब बिकने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
जनता ने माना, नए एसपी से भी अब उम्मीद नहीं
जिले मे लगातार बढ़ रही घटनाओं से वैसे ही जनता की उम्मीद पुलिस से खत्म हो चुकी थी पर दुर्ग जिले मे अपनी कार्यवाही से सुर्खिया बटोरने वाले जिले के नये एसपी अभिषेक पल्लव से जो बड़ी उम्मीदें लगी हुई थी अब वापस खत्म हो चुकी है.
नेताओं को फ्लेक्स फोटोबाजी से फुरसत नहीं
नेताओं को फ्लेक्स लगवाने और फोटोबाजी करने से फुरसत नहीं रह गया है.लगातार चोरी की घटनाओं पर चुप्पी साध कर रखना ये साफ इंगित करता है की इन्हे लॉ एंड आर्डर से नहीं सिर्फ वोटबैंक से मतलब रह गया है. पहले से ही सेटिंग का आरोप झेल रही विलुप्तप्राय विपक्ष आदेश निकालने और निरस्त करने के अलावा कही सक्रिय तक नहीं,इसलिए अब कवर्धा वासी सिर्फ खुद पर भरोसा कर रात जगकर रखवाली कर रहे.
कार्यवाही के अभाव में मानो सूखे नशे वालो के दिन सितारों मे है क्युकी न तो उन्हें नशे से रोकने वाला है न है अपराध करने पर पकड़ने वाला।