कबीरधामछत्तीसगढ़

Kawardha : प्रथम नेशनल लोक अदालत 9 मार्च को, आयोजन की तैयारियों की जिला मुख्य न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने प्रकरणों की समीक्षा की

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देश पर आगामी 9 मार्च 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजित किया जाएगा। जाकर राजीनामा योग्य इस नेशनल लोक आदालर में प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया जाएगा।

 जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा के अध्यक्ष  सत्याभामा अजय दुबे ने प्राधिकरण माननीय  सत्यभामा अजय दुबे द्वारा लगातार नेशनल लोक अदालत की आयोजन की तैयारियों के संबध में लगातार समीक्षा की जा रही है। उन्होंने आज इस संबध में आज पुनः बैठक लेकर राजीनामा एवं निराकरण योग्य प्रकरणों की समीक्षा की।

बैठक में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव, कलेक्टर  जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक  अभिषेक पल्लव तथा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमित प्रताप चन्द्रा उपस्थित थे। बैठक के दौरान आगामी नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

    नेशनल लोक अदालत में दाण्डिक राजीनामा योग्य प्रकरण, चेक बाउन्स अर्थात् 138 वाले मामले, बैंक रिकवरी अर्थात् प्री-लिटिगेशन प्रकरण, मोटरयान अधिनियम से संबंधित प्रकरण, मेन्टेनेन्स धारा 125 के प्रकरण, परिवार न्यायालय से संबंधित प्रकरण, श्रमिक प्रकरण, जमीन विवाद प्रकरण, विघुत प्रकरण, जलकर प्रकरण, सम्पत्ति कर, टेलीफोन प्रकरण तथा राजस्व आदि प्रकरणों का राजीनामा के आधार पर निराकरण किया जाएगा।

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों के साथ ही साथ प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण भी किया जाता है। प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के संबंध में जन सामान्य को व्यापक रूप से जागरूक करने के लिए जिले के समस्त थानों में पदस्थ पैरालीगल वालिन्टियर द्वारा नेशनल लोक अदालत के प्रचार-प्रसार के साथ ही साथ प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के संबंध में भी जानकारी दी जा रही है।

प्री-लिटिगेशन प्रकरण ऐसे प्रकरण होते है जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के लिए पर्याप्त आधार होता है, परन्तु इससे पूर्व संबंधित कम्पनियाॅ या संस्थान लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से निराकरण के लिए विपक्षी व्यक्तियों को एक अवसर प्रदान करती है। न्यायालय में प्रकरण पेश होने पर विपक्षी व्यक्तियों का बहुत सा धन न्यायालयीन कार्यवाहियों, अधिवक्ता शुल्क आदि पर खर्च हो जाता है।

साथ ही न्यायालय द्वारा मूलधन पर ब्याज भी अधिरोपित की जा सकती है। लोक अदालत में कम्पनियाॅ तथा संस्थाए, प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण शेषधन से भी कम धन में करने के लिए तैयार हो जाती है, जिससे दोनों पक्षों का समय एवं पैसा बच जाता है।

   नेशनल लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिक से अधिक प्रकरणों का चिन्हांकित करते हुए चिन्हांकित प्रकरणों में अधिक से अधिक प्रकरण रखे जा रहे है। माननीय न्यायाधीशगणों के न्यायालयों में प्री-सिटिंग की जा रही है।

             नेशनल लोक अदालत के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कबीरधाम के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है तथा नम्बर 07741-299950 पर भी जानकारी ली जा सकती है। नेषनल लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में अधिवक्तागण, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, नगर पालिका, बी.एस.एन. एल., विद्युत विभाग तथा समस्त बैंको से भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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