UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। लंबे समय से किसान संघ द्वारा भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर और लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना पण्डरिया का क्षमता विस्तार करके उसे 5000 टीसीडी का किए जाने की मांग की जा रही है।
भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की क्षमता 3500 टीसीडी है वहीं पंडरिया शक्कर कारखाना की क्षमता 2500 टीसीडी है। भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना मर्यादित कवर्धा के संचालक मण्डल द्वारा दिनांक 11 मार्च 2024 को कारखाने की वर्तमान पेराई क्षमता को बढ़ाकर 5000 टीसीडी करने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के लिए मेसर्स व्हीएसआई पुणे को आदेशित करने का निर्णय लिया गया है।
इसके लिए 7 दिवस के भीतर विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर कार्यालय को उपलब्ध कराने आदेश जारी किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस निर्णय पर अमल लेते हुए आगामी सीजन तक क्षमता का विस्तार हो जाएगा, जिससे हजारों किसानों को लाभ मिलेगा।
5 लाख 58 हजार 667 मीट्रिक गन्ना बेचे
अब तक दोनों सहकारी शक्कर कारखाना में किसानों द्वारा 5 लाख 58 हजार 667 मीट्रिक गन्ना बेचा जा चुका है। उक्त गन्ना का समर्थन मूल्य राशि 170 करोड़ रुपए होता है। भोमरदेव शक्कर कारखाना प्रबंधन द्वारा पेराई सत्र 2023-24 में कुल 63.92 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को कर चुके हैं।
वहीं पंडरिया शक्कर कारखाना से किसानों को 1 नवंबर से दिसंबर 2023 तक स्थिति में कुल 40.66 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इस तरह से कुल 104 करोड़ 58 लाख रुपए का भुगतान किया जा सका है, जबकि 65 करोड़ रुपए से अधिक राशि भुगतान बकाया है।
किसान करते रहे मांग
भारतीय किसान ने मांग रखी कि दोनों शक्कर की क्षमता विस्तार किया जाए। इसमें एक कारखाना के विस्तार पर कार्य शुरु हो चुका है। वहीं मांग है कि जिले में गन्ने की अधिकता को देखते हुए लोहारा विकासखण्ड के ग्राम सिंघनपुरी में एक नया 5000 टीसीडी क्षमता वाला शक्कर कारखाना की स्थापना किया जाए। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर के ऐसे शेयरधारी किसान जो कारखाना में गन्ना नहीं बेचते है उनके शेयर को समर्पण करने के उपरांत नए किसानों को शेयर दिया जाए।
32 हजार से अधिक हैक्टेयर में गन्ना
कबीरधाम जिले में इस सीजन में 32 हजार हेक्टेयर में गन्ने की फसल ली गई। प्रति हेक्टेयर गन्ना उत्पादन औसतन रूप से 700 क्विंटल माना जाता है। इस अनुमान से इस बार 22 लाख 40 हजार मीट्रिक टन गन्ना फसल उत्पादन हुआ।
इसमें 31 प्रतिशत गन्ना शुगर फैक्ट्री और 66 प्रतिशत से अधिक गन्ना गुड़ फैक्ट्री में जाएगा। लेकिन नगद फसल होने के बाद भी शक्कर कारखाना से किसानों को तुरंत भुगतान नहीं होता। वहीं कारखाना की क्षमता सीमित है, ऐसे में ज्यादातर किसान गुड़ फैक्ट्री की ओर रुख करते हैं।
अब 440 रुपए से हो रही खरीदी
जो किसान कारखाना में शेयरधारी नहीं है वह जिले में संचालित 250 से अधिक संचालित गुड़ फैक्ट्री में बिक्री कर रहे हैं। वहीं गुड़ फैक्ट्री में वह शेधरधारी किसान भी गुड़ फैक्ट्री में गन्ना बिक्री करते हैं जो अधिक मात्रा में गन्ना उत्पादन करते हैं, गन्ना कटने के बाद भी पर्ची नहीं मिल पाती, गन्ना सूखने लगता है।
शक्कर कारखानों में गन्ने का समर्थन मूल्य 291.97 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि गुड़ फैक्टी दाम फिक्स नहीं है। अब गन्ने की आवक कम होने के कारण 440 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदी हो रही है।