
UNITED NEWS OF ASIA. नगर पालिका कवर्धा के सभी 27 वाडों का सर्वे कर नई सीमाएं निर्धारित कर दी गई है। नए परिसीमन से जहां भावी पार्षद की मुश्किलें बढ़ गई है, तो कई तत्कालीन पार्षद का आगामी चुनाव लड़ने में एड़ी चोटी लगानी होगी। परिसीमन में जनसंख्या को संतुलित रखने में सभी वार्ड प्रभावित हुए है।
परिसीमन से पहले वार्डों की जनसंख्या 1100 तो किसी में 1600 तक थी। नए परिसीमन में वार्डों की संख्या नहीं बढ़ी है और न ही वाडों का नाम बदला गया है। वाडों की कवर्धा जनसंख्या 1567 से 1668 के बीच ही रखी गई है। इससे अब शहर के कई वार्डवासियों के एड्रेस भी बदल जाएंगे। जिनमें वार्ड नंबर 19 के बीचपारा, ब्राहम्ण पारा का एक हिस्सा अब वार्ड 18 में जोड़ा गया है। वार्ड 5 व 7 के एक छोर को वार्ड 4 में शामिल किया गया है। वहीं वार्ड 8 के शिशु मंदिर वार्ड वाले क्षेत्र को वार्ड 01 एक में जोड़ा गया है। इसी प्रकार का बदलाव सभी वार्डों में किए हैं।
वार्ड नंबर 05 व 10 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। साथ ही वार्ड नंबर 18, 27, 04 व14 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। ऐसे में सामान्य वर्ग व ओबीसी वर्ग वाले हिस्से को इन वार्ड में में जोड़ा जाता है तो, अपने ही वार्ड चुनाव लड़ने से चूक जाएंगे।
2011 की जनगणना के आधार पर हुए परिसीमन में सभी वार्डों में एकरूपता लाने का दावा किया है। जबकि 2011 की जनगणना की अनुपात संख्या में नजर डालें तो कबीरधाम जिले का औसत 1:5 रहा है | जिस हिसाब से यदि 3000 हजार मतदाता इस परिसीमन से प्रभावित होते हैं तो 3000/2×5 = 7500 लगभग लोग प्रभावित होंगे, जिन्हें अपना आधार कार्ड एवं अन्य जरुरी दस्तावेज को अपडेट कराने के लिए भटकना पड़ेगा..
पूर्व पार्षद संतोष नामदेव ने आरोप लगाते हुए कहा कि वार्ड नंबर (19 के गली नंबर र 03 के लगभग 300 मतदाताओं को वार्ड नंबर 18 में जोड़ा गया है। यह वार्ड आरक्षित वार्ड है। ऐसे में इस वार्ड के सामान्य वर्ग व ओबीसी वर्ग के मतदाता अपने ही वार्ड में चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्हें अन्य वार्ड जाना होगा। पूर्व में वार्ड की जनसंख्या 1470 थी। इनमें 300 लोगों का नाम व पते वार्ड 18 में होगा। यह मौलिक अधिकारों का हनन है। इसे लेकर कोर्ट में भी याचिका लगाई जाएगी। फिलहाल नए परिसीमन को लेकर दावा-आपत्ति पर नजरें टिकी है।
खामियां भी हैं, वार्डों की चौहद्दी का नहीं चल रहा पता :
वाडों के परिसीमन में कई खामियां भी देखी जा रही है। प्रस्तावित परिसीमन में जारी वार्डों की स्थिति में चौहद्दी का उल्लेख व वार्ड के शुरू होने वाले मकान व गली का नाम ही नहीं दिया गया है। चौक, चौराहों का उल्लेख किया गया है। चौक, सभी वार्ड में आते हैं। ऐसे में वार्ड की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इनमें वार्ड नंबर 27 में लोहारा मार्ग में कर्मा चौक से वीर स्तंभ चौक तक का हिस्सा बताया गया है। ऐसे में मार्ग के दोनों ओर के मकान की स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसी प्रकार वार्ड नंबर 23 में वीर स्तंभ चौक से ऋषभदेव चौक होते हुए दर्री पारा मार्ग लिखा गया है, जो की अस्पष्ट है। इसमें वार्डवासियों के नाम का उल्लेख होना चाहिए था। फिलहाल नए परिसीमन को लेकर दावा-आपत्ति का दौर जारी है।
दावा-आपत्ति 22 जुलाई तक कर सकेंगे नागरिक
हालांकि 2011 में कवर्धा नगर पालिका की जनसंख्या 44 हजार थी। जो अब 60 हजार से अधिक हो चुकी है। कवर्धा नगर पालिका में 27 वार्ड है। वार्डों के परिसीमन के बाद प्रस्तावित नक्शा व वाडों की स्थिति को नगर पालिका में चस्पा किया गया है। जिसके लिए दावा-आपत्ति भी आमंत्रित किया गया है। 22 जुलाई तक लिखित में आपत्ति दर्ज करानी होगी।
भाजपा समर्थित CMO ने खुद कहा : परिसीमन से आम जनता को कोई लाभ नहीं, केवल राजनितिक लाभ के लिए किया गया है !
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