लेटेस्ट न्यूज़

सत्यप्रेम की कथा समीक्षा: कार्तिक-किआरा की ये ‘लव कलाकारी’ पूरी तरह से बेकार न हो, पर फिल्म तो जीतो

सत्यप्रेम की कथा मूवी समीक्षा हिंदी में: कार्तिक आर्यन और राकेश आर्यन की जोड़ी ने पिछले साल ‘भुल भुलैया 2’ के जरिए बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था। यही जोड़ी अब आज रिलीज हुई ‘सत्यप्रेम की कथा’ में फिर से दर्शकों के बीच उतर रही है। आईडी के मक़सद पर रफ़ीलज़ हो रही है ये ज़ोलिज़ एक फ़ैमली एंटरटेनर है, जे स्कीज़ टेलिकॉम में शादी, रोमांस, इमोशन सब नज़र आए थे। इंट्रेस्ट न हो, इस चक्र में ‘सत्य नारायण की कथा’ को ‘सपूतप्रेम की कथा’ कहा गया है। लेकिन नादिरदेशक समीर वफ़ादवानस की ये फ़्लोरिडा एंप्लॉयीज की ज़ोलोज़ में इस फ़्लोरिडा की प्रति जगने में शामिल होगी? आइए आपको इस दस्तावेज़ में शामिल करते हैं।

यह कहना है कहानी: गुजराती में रहने वाले सपूत प्रेम (कार्तिक आर्यन) को कराची में रहने वाले सपूत प्रेम (कार्तिक आर्यन) की बेटी कथा (किआरा नक्षत्र) से पहली बार ही देखा जाता है। लेकिन एस मूर्तिकला प्रेम अपनी फाइलिंग प्लास्टर कथा को नहीं बताता, रामायण कथा का पहले से ही एक शौकीन है। 1 साल बाद सत्तू को पता चला कि कथा का आद्योपांत हो गया है तो वो फिर से उसके पास गया और कोशिश की गई। कथा और सत्तू की शादी तो होती है, लेकिन ये शादी कोई नहीं, जैसी आम शादियां होती हैं। ऐसी तस्वीरें खत्म हो गई हैं, वजह यह है कि शादी के बाद भी सत्तू की कोई विशेषता नहीं होती है, तो इसे देखने के लिए आपको सनेमाघरों तक जाना होगा।

गुजराती परिवेश में बनी इस बांसुरी के पहले ही सीन में आपको थोड़ा अटपटा सा महसूस होगा। लॉ के एक साकेतिकजाम में फेल हो चुका सत्तू घर में झाडू लगाई जाती है, पोश्चर मंझाता है और उसकी बहन टेबल पर शामिल होकर नाश करती है। हालाँकि इस सबको पचाना पहले ही सीन से आसान नहीं है। लेकिन ये इस ‘सत्तू’ की बड़ी बात है कि जब आप सत्तू की पर्सनेल बेचते हैं, तो उसके सांचों को देखते हैं तो समझ लीजिए कि जो ‘मर्दाना’ की डेफिनिशन तय है, ये सत्तू का कोई मतलब नहीं है। कहानी का फ़र्म महफ़िल कॉमेडी के साथ कहानी को बढ़ावा मिलता है। कुछ जगह हँसी आती है, पर आप थकाकाटोकन या बहुत हंसे, वो थोड़ा मुश्किल है।

सेकंड हाफ इमोशनल कर देगा
आधे सेकंड में तो एक पल आपको शेष रह गया कि कहानी कहानी हो गई अब बस, लेकिन शेष भाग और आगे है। सेकंड हाफ रिले इमोशनल है. कहानी की अंतिम पंक्ति ऐसी है, जैसे साधारण आंकड़ों पर पक्की कहानी। लेकिन जिस तरह की गंभीर वैशय को ये कहानी ट्रीट कर रही है, उसके लिए इसे मध्यम आकार में पकाना कुछ हद तक सही भी लगता है। की शेष परतें केल केमिकल तो डॉयपॉयलर हो जाएंगी, लेकिन इतना मैं जरूर कहूंगा कि न कहानी प्रियदेशक समीर व प्पीदवांस ने एक अत्यंत आवश्यक कहानी को पेश करने की कोशिश की है, जे तीजकी का किरदार होना चाहिए।

कार्तिक आर्यन के पहेले पाप धो गए
एक फिलिंग की बात करें तो कार्तिक आर्यन इस बांग्लादेश में भी अपनी वही ब्राइट मॅरीमाइल के साथ फुल ऑन एनर्जी में नजर आए हैं। लेकिन सेकंड हाफ में कार्तिक का स्टैंस्ट आपको अच्छा लगेगा। सत्तू के असली पत्ते की फ्लोफी है कि ‘सच बोलने से पहले ठोस स्थिरता’ और वो यही कहते हैं। इस मछली को देखने आए कार्तिक को देखने के बाद मुझे उनकी पिछली मछली जैसे ‘प्यायर का पंचनामा’ या ‘सोनू के टीटू की इच्छा’ याद आ गई और कह सकते हैं कि इस मछली ने अपनी सारी पिछली मछली को पाप ढोते हुए देखा है। हालांकि कार्तिक, ‘सप्रेम की कथा’ से पहले ‘आकाशवाणी’ जैसी ही लोकप्रियता भी दर्ज कर चुके हैं, जो ऐसे ही बेहद गंभीर वश्य पर बात करती है। कार्तिक की ये तस्वीरें हमेशा उनकी बनी रहती हैं।

जहां किआरा महाराज ने कथा के हिरदार को अंतिम रूप दिया है। उनकी आंखे आपको वो दर्द साफ दिखाती हैं, जो सबसे पुरानी बात है वो इस कहानी में कही गई है। काइयारा अपनी खूबसूरत वादियों में हैं। गजराज राव और सुप्रिया पाठक हमेशा की तरह कान्वेंसिंग लगे रहते हैं। बाक़ी शिखा तलसानिया के लिए प्यार कुछ नहीं है।

‘सप्रेमर की कहानी’ एक रोमांटिक रोमांटिक रोमांटिक है, जो रोमांस की नहीं बल्की उससे आगे की बात करता है। बस इस कहानी को सामने रखते हुए इमोशन का स्वाद और मनोरंजन का कम स्वाद है। कुछ जगह पर ‍एनुअल भारी हो जाता है। लेकिन सेकेंड हाफ में कई हसीं हसासे ऐसे हैं जो आपको एहसास दिलाते हैं कि ज प्यासे अभी तक हम बिल्कुल समझ रहे थे, वो भी खुद को किसी पर पसंद करते हैं। इस अनमोल में कई कमियां हो सकती हैं, पर ये कहानी एक जरूरी कहानी है जो आपके इमोशन लिंक और मैसेज से आपको सलाह पर शायद अपनी नजरों को फिक्स करने के लिए मजबूर कर देती है। मेरी तरफ से इस 3.5 मदरसा को डाउनलोड करें।

विस्तृत रेटिंग

कहानी:
स्क्रिनप्ल:
डायरेक्शन:
संगीत:

टैग: कार्तिक आर्यन, कियारा अडवाणी

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page