<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"राजस्थान समाचार: राजस्थान के करौली जिले में लगने वाले कैला देवी की लक्खी मेला 19 मार्च से शुरू होगा। कैला माता के लक्खी मेले में देश के आकर्षण क्षेत्रों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचते हैं और मन्नतें मांगते हैं। ऐसे संबंधित मनोकामना पूरी हो जाती है, वो लोग पैदल ही चलकर माता के दरबार में संलग्न हैं।
लक्खी वाले हितग्राहियों की मूल व्यवस्था के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए कैला देवी मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन द्वारा संपूर्ण प्राधिकरण बनाए जा रहे हैं। कैलादेवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व नरेश कृष्णचंद पाल ने मंदिर के प्रशासन की बैठक को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। कैला माता मंदिर के ट्रस्ट के अन्य सदस्यों ने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी बात की परेशानी नहीं हो रही है, इसे देखते हुए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
<p स्टाइल="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"पदयात्रियों के लिए लगे ये तंबू
कैला देवी के लक्खी मेले में राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियां, दिल्ली से लाखों की संख्या में पैदल ही पहुंच कर माता-पिता के दरबार में अपनी हाजिरी उम्मीदवार हैं। इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा कैला मैया की जय के जयकारे लगाए जाते हैं। कैला माता के दरबार में जाने वाले पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए जंपिंग लेवल पर भी तैयारियां शुरू की जा सकती हैं। करौली की कैला देवी को जाने वाले रास्ते पर पैदल यात्रियों के लिए जगह- जगह भोजन की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा और विश्राम के लिए व्यवस्था की गई। कंसेना हिंडोन के बीच रोजाना 10 हजार पैदल यात्रियों के लिए टेंट रेज करने और खाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए 50 हलवाई और लगभग 30 केटर्स की जिम्मेदारी ली गई है। चिकित्सा सुविधा के लिए टेंट में नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी भी लग गई है। भरतपुर से लेकर करौली के कैलादेवी माता के दरबार तक सैकड़ों जगह श्रद्धालुओं के लिए भंडारे लगाए गए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि 5 दिन में लगभग 15 से 20 लाख पदयात्री माता-पिता के लक्खी मेले में जाने के लिए पास हैं। शीतलाष्टमी से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है।
<p style="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"सफाई व्यवस्था के अधिकार
कैला देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा सफाई व्यवस्था के लिए 6 जोन जुड़ गए हैं, जहां लगभग 200 कर्मचारी सुपरवाईजर सहित सफाई व्यवस्था को संभालेंगे। सफाई कर्मचारियों की पहचान के लिए अलग से ड्रेस तैयार की गई। क्रैक उठाने के लिए 8 ट्रैक्टर ट्रॉली फट गई, जो पार्टी घंटे भर में जाम से पकड़ ले जाने का कार्य करेगी। कैलादेवी के लक्खी मेले को देखने के बाद इस चमत्कार का चमत्कार भी हो जाएगा।
<p style="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"सुरक्षा के लिए कैमरा
कैला देवी माता के लक्खी मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मिलने वाले क्षेत्रों में लगभग 247 कैमरे लगे जा रहे हैं। मंदिर और रिश्तेदारों की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग के करीब 1500 आरएसी, होमगार्ड, पुलिस के जवान होंगे। वहीं मंदिर के ट्रस्ट की तरफ से करीब 350 सुरक्षाकर्मी और ट्रस्ट के वॉलियंटर भी रोक लगा रहे हैं। मंदिर के ट्रस्ट की तरफ पैदल यात्रियों के लिए खाने की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा और पैर वाले लैपटॉप की भी व्यवस्था की गई है।
<p style="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"राजस्थान रोडवेज की व्यवस्था
करौली के कैलादेवी लक्खी मेले को देखते हुए राजस्थान रोडवेज ने भी अपनी तैयारी कर ली है। मेले में आने और जाने वाले लाखों ग्राहकों को परेशानी हो सकती है, जिसके लिए रोडवेज प्रशासन लगभग 320 फेयर स्पेशल बसें लगा रहा है। बताया गया है कि सरकार के पास करीब 600 बसों का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अभी 320 बसों में आग लग रही है। बसों को उत्तर प्रदेश के आगरा और राजस्थान के 9 डिपों से संचालित किया जाएगा। रोडवेज के कार्यकारी निदेशक यातायात संजीव कुमार पांडेय के अनुसार मेला शुरू होने के दो तीन दिन पहले से और मेला खत्म होने के दो तीन दिन बाद तक कर्मचारियों की सुविधा के लिए बसें उपलब्ध होंगी। रोडवेज ने अपनी और सहज व्यवस्था जारी रखने के लिए अलग से मुआवजा अधिकारियों की नियुक्ति की। व्यवस्था को संभालने के लिए काफी संख्या में लोगों को लगाया गया है।
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