मार्क्सवादी पार्टी (माकपा) कम्युनिस्ट के पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय कार्यकर्ता संघ (आरएसएस) से विरोध के लिए विपक्षी दलों को इन शक्तियों के खिलाफ लगातार वैचारिक और राजनीतिक संघर्ष करना होगा।
मार्क्सवादी पार्टी (माकपा) कम्युनिस्ट के पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय कार्यकर्ता संघ (आरएसएस) से विरोध के लिए विपक्षी दलों को इन शक्तियों के खिलाफ लगातार वैचारिक और राजनीतिक संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि वाम दल राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत ताकत अभी नहीं हो सकती है, लेकिन वे ही भाजपा और आरएसएस की वैचारिक लड़ाई शुरू कर सकते हैं और अन्य विपक्षी दलों के लिए इसे एक वैकल्पिक मंच बना सकते हैं।
करात ने माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई का मुखपत्र ‘गणशक्ति’ के 57वें स्थापना दिवस को मनाने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ”चुनाव से पहले गठजोड़ करने के अलावा, राजनीतिक दलों को भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लगातार वैचारिक एवं राजनीतिक संघर्ष करना होगा।” उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा, दोनों ही भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में लोग के एक बड़े हिस्से में अपना पैठ बनाने में सफल रहे हैं।
माकपा के पूर्व महासचिव ने कहा कि इसकी वजह से भाजपा ने उत्तर प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों में आसानी से जीत हासिल की, जबकि दोनों राज्यों में सत्ता विरोधी मजबूत लहरें आने के दावे किए जा रहे थे। उन्होंने कहा, ”जिस तरह से आरएसएस अपनी डायरेक्ट्री के जरिए समाज में चौबीसों घंटे सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्तर पर काम करता है, ठीक उसी तरह आपको इस तरह के संगठन बनाना होगा। उसी के साथ, अपनी लोकतांत्रिक, स्कीमा व वामपंथी विचारधारा और दृष्टिकोण को लोगों के बीच रखना होगा।” उन्होंने कहा, ”भारत में आज हमारे पास एक धुर दक्षिणपंथी सरकार है जो एक धुर दक्षिणपंथी पार्टी से बनी है, जो भाजपा है।” ‘ करात ने दावा किया कि यह पार्टी (भाजपा) एक ‘मुखौटा’ है और इसके वास्तविक चेहरे के पीछे आरएसएस है।
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