मुंबई। हिंदी सिनेमा में शशि कपूर का दौर ही अपना हो गया था। 70 के दशक में उनकी फिल्में और गाने के लोग दीवाने हो गए थे। जिस दौर में कपूर परिवार का एक-एक शख्स बॉलीवुड में अपना हुनर दिखा रहा था, तब शशि ने अपने करिश्मे, स्टाइल और एक्टिंग से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी चमक मंदिर ने लाखों फीमेल प्रशंसकों का मन मोह लिया था। कुल की परंपरा आगे कुछ ऐसा शशि ने भी सोचा था। कपूर खानदान की जीन में है एक्टिंग, ये सोच कर उन्होंने भी अपने दोनों बेटों कपूर और कुणाल कपूर को बॉलीवुड की तरफ सींक कर दिया। लेकिन उनके दोनों बेटे महाफ्लॉप साबित हुए।
शशि कपूर के दोनों बेटे कुणाल कपूर और करण कपूर दोनों को लोगों से प्यार नसीब से नहीं हुआ। अपने अभिनय से लोगों के समूह में वह राज नहीं कर सकता और महा फ्लॉप साबित हुआ। हालांकि, अभिनय करते ही इन दोनों फ्लॉप बेटों की हिट स्टोरी बन गई। रात-रात मानो लॉटरी लग गई और दोनों भाईयों की नसीब पलट गई। शशि कपूर के दोनों बेटों के हिट होने की पूरी कहानी को हम आपको यहां बता रहे हैं।
पराई लड़की को सहलाते हुए शशि कपूर
राज कपूर और शम्मी कपूर को देखते हुए शशि कपूर ने अपने भाइयों की निगरानी में अपने करियर में उड़ान भरी लेकिन उनकी फिल्मों के चयन और सब चीजों को महत्व देने का तरीका अलग था। शशि कपूर जो रिश्ते के साथ जुड़े हुए थे। असल जिंदगी में उनका भी एक एलियन लड़की से प्रेम संबंध था। दरअसल, वह गॉडफ्रे केंडल की ओर से संचालित एक एंग्लो-इंडियन थिएटर में काम करने के लिए कोलकाता पहुंचे थे। वहां अभिनय के साथ सीखने के साथ-साथ शशि केंडल की बेटी, जेनिफर को अपना दिल दे बैठी। दोनों को प्यार पर चढ़ा और उन्होंने अपने रिश्ते को एक नाम देने का फैसला लिया। जेनिफर केंडल और शशि कपूर ने 1958 में शादी कर ली। जेनिफर केंडल से शशि कपूर के तीन बच्चे कुणाल, करण और संजना कपूर हैं।
शशि कपूर चाहते हैं अभिनेता
शशि कपूर चाहते थे कि दोनों बेटे भी कपूर खानदान का नाम आगे बढ़े। लेकिन उनके बच्चों का सफल फिल्मी करियर नहीं रहा। दोनों ने कई फिल्मों की और दोनों को ये समझ में आया कि वह इस क्षेत्र के लिए नहीं हैं। फिल्मी करियर को दोनों ने छोड़ दिया और खुद को अलग-अलग क्षेत्रों में स्थापित कर लिया।
अभिनय का कभी सपना नहीं था
शशि कपूर के बड़े बेटे कुणाल का जन्म मुंबई में 26 जून साल 1959 को हुआ था। शशि ने उन्हें बॉम्बे इंटरनेशल स्कूल में डाला। कपूर खानदान के वारिस हैं तो अभिनय कर रहे हैं ये वो जान गए थे, लेकिन उनका सपना अभिनय करना कभी नहीं था। पापा चाहते थे कि वो एक्ट बनेंगे इसलिए 12वीं पास करते ही उन्हें इंग्लैड भेज दिया गया। जहां, उन्होंने एक एक्टिंग स्कूल में कदम रखा। कुणाल कपूर ने ‘सिद्धार्थ’ (1972) फिल्म के साथ अपने करियर की शुरुआत की। बालक अभिनेता के तौर पर उन्होंने इस फिल्म में अपने पिता के बचपन की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वह श्याम बेनेगल के ‘जूनून’ में भी दिखाई दिए। इसके बाद ‘अहिस्ता अहिस्ता’, ‘विजेता’ और ‘उत्सव’ जैसी कुछ फिल्मों में उन्होंने अभिनय की, लेकिन फ्लॉप साबित हुई।
फ्लॉप एक्टर कुछ ही सालों में बना करोड़ों का मालिक
फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थीं, उन्होंने अपने पिता से कहा कि वह अब अभिनय नहीं करना चाहते। पिता नाराज हुए लेकिन फिर मान गए। 1987 में उन्होंने अभिनय छोड़ दिया और जो काम किया, उन्होंने रात को इन नसीब को पलट कर रख दिया, जैसे किसी की लॉटरी लग गई हो। दरअसल, उनके विज्ञापनों के प्रोडक्शन और डायरेक्शन की ओर था। उन्होंने अभिनय ही अपनी एक कंपनी बनाई, जिसका नाम ‘ऐड फिल्मवाला’ रखा गया। वह अपनी कंपनी में बड़े पैमाने पर देसी-विदेशी ब्रांड के विज्ञापन बनाने के लिए है। इन विज्ञापनों के जरिए कुछ समय में ही वह इस दुनिया के बारे में बताशा बादशाह बैठे रहते हैं। भारत में जितने बड़े ब्रांड की कारें बिकती हैं, उनमें से 90 फीसदी एडवर्टाइजर की कंपनी बनाती है। उन्होंने 800 से भी अधिक टेलीविजन विज्ञापनों को निर्देशित किया और कुछ ही समय में विज्ञापन के निदेशकों की सूची में शीर्ष पर पहुंच गए। हिंदी फिल्मों का एक फ्लॉप एक्टर कुछ ही सालों में करोड़ों रुपये में कमाई करने लगता है।
भारतीय दर्शकों को नहीं मिला करण कपूर
शशि और जेनिफर का दूसरा बेटा करण कपूर, बॉलीवुड में बदकिस्मती ही ले डूबी। 18 जनवरी 1962 को ये भी मुंबई में पैदा हुए। अभिनेता बनने का अॉफर भी अभिनेता बनने का था। हालांकि, ये कभी एक्टर नहीं बनना चाहते थे। वैसे तो खुद किसी हीरो से कम नजर नहीं आते थे। लंबा कम, सुंदर चेहरा और कठिया शरीर, मगर किस्मत ने साथ नहीं दिया। जब ये 16 साल के थे तब उन्हें पहली फिल्म ‘जुनून’ मिली। ’36 चौरंगी लेने’ में वो नजर आए लेकिन हीरो के तौर पर नहीं। 1986 में उन्हें फिल्म ‘सल्तनत’ के साथ लॉन्च किया गया। फिल्म तो चली, लेकिन दर्शकों का प्यार उन्हें नहीं मिला। इसके बाद ‘लोहा’ और ‘अफसर’ जैसी फिल्मों में भी नजर आए, लेकिन भारतीय दर्शक उनके विदेशी चेहरे और भूरे बाल पचा नहीं सके।
फोटोग्राफी ने फोटोग्राफी की
अब बड़े भाई की तरह उन्होंने यह भी फैसला किया था कि वह एक्टिंग से तौबा कर लेंगे। ये बात उन्होंने अपने पिता से कही, तो बुरा मान गए। लेकिन बेटे की बात के आगे बाप को झुकना पड़ा तो शशि कपूर ने भी ऐसा ही किया। हालांकि, अभिनय में वापसी का फैसला उनके लिए भी सही साबित हुआ। फोटोग्राफी का बहुत शौक था, उन्होंने अपने शौक को करियर बनाने का फैसला किया। कुछ ही सालों में उनकी तस्वीरों के किस्से आम होने लगे। अपनी तस्वीरों की प्रदर्शनी लगवाकर वह छा गए। लोगों को उनकी तस्वीरें इतनी पसंद आने लगीं कि कुछ ही सालों में उनका नाम टॉप्स की सूची में शुमार हो गया और भारत ही नहीं विश्व में लोग उन्हें जानने लगे। फोटोग्राफी ने उन्हें मालामाल कर दिया। शादीशुदा करण एक करोड़ों विनिंग संभावनाएं हैं, जो अब लंदन में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
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पहले प्रकाशित : 09 मार्च, 2023, 11:29 IST