
कानपुर समाचार: कानपुर विकास प्राधिकरण (कानपुर विकास प्राधिकरण) अब भू माफियाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के मूड में दिख रहा है। तत्पश्चात् आईएएस अधिकारी और डेयरी विकास प्राधिकरण के वीसी अरविंद सिंह ने भू माफियाओं के खिलाफ पिछले 1 साल से ऑपरेशन मिशन क्लीनअप किया है, जिसमें केडीए को बड़ी सफलता मिली है। दारी विकास प्राधिकरण की एक टीम के आधार पर विश्वास जांच को अंजाम दे रही थी और इस बीच दारी के स्वरूप नगर थाने में विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक साथ 24 लोगों पर 13 स्थिति दर्ज कराई।
फर्जी दस्तावेजों को कर प्राधिकरण के प्लाट की रजिस्ट्री, नामकरण और फ्री होल्ड के दावों का खेल पिछले कई वर्षों से विकास प्राधिकरण में चला है। कभी किसी ने मूल आवंटी की मौत के बाद फर्जी दस्तावेज जमा करने की साजिश की रजिस्ट्री अपने नाम कर ली तो किसी ने नाम बदलकर कर लिया, ऐसे 13 मामलों में दिकारी विकास प्राधिकरण ने स्वरूप नगर में रिपोर्ट दर्ज की है और यह मामला साल 1991 से 2020 तक के बीच में हैं। इस फर्जीवाड़े में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भगत पाई गई, जिसके बाद दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए
करण विकास प्राधिकरण के अपर सचिव गुड़ाकेश शर्मा की शर्त तो किदवई नगर वाई ब्लॉक स्थित साजिश नंबर 367 का फर्जी तरीके से नामकरण और फ्री होल्ड रजिस्ट्री के मामले में विश्वनाथ त्रिवेदी आनंद कुमार त्रिवेदी अनिल कुमार त्रिवेदी को दशा बनाया गया है। दूसरे मामले में अनिल वर्मा, सलिल वर्मा, ममता गुप्ता को झटका लगा है। इन पर भी झूठ बोलते हुए कृष्णा नगर योजना के प्लॉट नंबर 13 को फ्रीहोल्ड करने का आरोप लगाया गया है।
एचआईजी-11 मुखर्जी बिहार इंद्रानगर के मामले में रामसेवक पुत्र राजाराम पाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसी तरह के मामले में आशा चौरसिया कुलदीप के खिलाफ प्लॉट नंबर 155 ब्लॉक बी पनकी के मामले में दिनेश कुमार मिश्रा, सुरेश कुमार मिश्रा, योगेश कुमार मिश्रा, गोपेश कुमार मिश्रा के खिलाफ, पनकी में ई ब्लॉक स्थित प्लॉट नंबर 251 के मामले में वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ सुजातगंज बी ब्लॉक स्थित प्लॉट नंबर 293 के मामले में ननकू के खिलाफ स्थिति दर्ज हुई है। सुजातगंज सी ब्लॉक प्लॉट नंबर 310 के मामले में दिनेश सिंह के खिलाफ पुराना नगर स्थित 26 योजना के ब्लॉक 6 कि प्लॉट नंबर 16 के मामले में अमित निगम अजय कुमार निगम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है।
गोपनीय जांच के बाद जो बातें सामने आईं उसके बाद कृष्ण विकास प्राधिकरण की यह बड़ी कार्रवाई हो सकती है। प्राधिकरण का मानना है कि इन लोगों के फर्जीवाड़े को सामने लाकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं जो लोग प्राधिकरण की जमीन पर इस तरह के फर्जीवाड़े सालों से करते हैं। प्राधिकरण ने इस मामले में संलिप्त पाए गए अपने अनुचर से लेकर उप सचिव स्तर तक संलग्न कर्मियों पर भी कार्रवाई का चाबुक चल रहा है और 2 लोगों को वीडियो कर दिया है। इसी के साथ शासन को अन्य गलत नीतियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का पत्र भी दिया है।
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