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कंझावला केस: अंजली की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच पर उठे कई सवाल

नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली जिले की सुल्तानपुरी में एक्सीडेंट की दौड़ में एक मौत की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस सवालों के जवाब में शिकायत करती है। दिल्ली पुलिस को जब अकेली लड़की अंजली के शव के सड़क पर बुरी तरह कुचले जाने की जानकारी मिली थी, तो शुरू में ही पुलिस ने एक्सीडेंट का मानक मामला दर्ज किया क्यों की, क्यों नहीं पुलिस को ये हत्या का मामला लगा या दिल्ली पुलिस ने कहा इसे एक्सीडेंट का मामला बनाया? रविवार को शाम 4 बजे के आसपास दिल्ली पुलिस डीसीपी ने अपने बयान में मीडिया को बताया कि अंजलि एक्सीडेंट के समय स्कूटी पर सिंगल था और दूसरा कोई नहीं था।

पुलिस ने बस्ती के साथ यौन उत्पीड़न नहीं होने की बात भी कही थी, जबकि आमतौर पर पुलिस हमेशा ये बातें जांच की रिपोर्ट आने के बाद करती है। फिर दिल्ली पुलिस जल्दबाजी में ये सब बयान देकर मामलों को दूसरी दिशा में ले जा रही थी और मामले को शुरुआत से ही एक्सीडेंट मान लिया था और उसी थ्योरी पर काम कर रही है।

अंजली और फंड होटल से निकले तो एक्सीडेंट की जगह पर सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। फिर दिल्ली पुलिस ने उन तस्वीरों को जांच में शामिल क्यों नहीं किया। दिल्ली पुलिस को सिकंदर की स्कूटी दुर्घटना की स्थिति में मिली थी, तो स्कूटी चालक की तलाश की कोशिश क्यों नहीं की गई। जिस गली में घरों के पास रात को हुआ हादसा वहां किसी से पूछताछ क्यों नहीं की गई?

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फंड ने एक्सीडेंट के बाद अपना फोन नंबर स्विच ऑफ कर दिया
दिल्ली पुलिस ने स्थिति दर्ज करते समय हस्ती क्यों की, सिर्फ ये दावा क्यों किया कि स्कूटी चालक दुर्घटना अकेले हुई थी, जबकि बाद में होटल के बारे में जांच में अंजलि के दोस्त का फंड भी नजर आया। फंड ने एक्सीडेंट के बाद अपना फोन नंबर स्विच ऑफ कर दिया था और आराम से सो गया। अंजली की कॉल डिटेल में फंड और होटल का खुलासा हुआ था, जिसके बाद पुलिस रात को 2 दिन बाद उसके घर पहुंची जहां वो हालात को बेखबर बना रही थी।

नामांकन की फुटेज को क्यों नहीं खोजा गया
दिल्ली पुलिस ने फंड नाम के दोस्तों को इस बात को छुपाया कि अंजली के साथ उसका दोस्त भी था। फिर 2 दिन बाद अचानक फंड के इस मामले में एंट्री हो जाती है। अंजली और फंड जब होटल से 2 किमी की दूरी पर स्कूटी में कृष्ण विहार पहुंचे थे, तो दुर्घटना होने के बाद फंड के फुटेज को क्यों नहीं मांगा गया या फंड किस जगह से और कैसे स्पॉट के बाद भाग लिया था।

बताई रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने अपराध को लेकर बयान क्यों दिए
2 दिन तक लापता रहने वाले के पैसे का खुलासा अचानक से दिल्ली पुलिस ने क्यों किया और उसने अपने दोस्त पर ही शराब पीने से लेकर शाम करने के आरोप क्यों लगाए। 3 डॉक्टरों का पैनल बनाना जो बनाया गया था, उनकी शुरुआती रिपोर्ट की जांच टीम के सामने आने से पहले ही लीक से हटकर क्यों और खुलासा किया, जबकि ऐसी घटनाएं और मामलों की विश्वसनीयता को देखते हुए रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया गया और मीडिया को अपराध की पुष्टि होने की जानकारी सबसे पहले ही दी गई।

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दिल्ली पुलिस ने उन तस्वीरों को क्यों नहीं लीक किया, जिनमें एक लड़का मुरथल या दिल्ली की सीमा और पूरी इलाके में घुसपैठ करके घर पहुंच गया। अपने घर तक पैसा कैसे पहुंचाएं और दिल्ली पुलिस को उसका सीसीटीवी क्यों नहीं मिला, जबकि पूरे इलाके में लगे हैं। दिल्ली पुलिस ने वही सीसीटीवी मीडिया तक पहुंचाए जहां- जो वो अपने कमियां छिपाए। क्या दिल्ली पुलिस इस मामले में कुछ अहम जांच का हिस्सा छिपाना चाहती है। क्या दिल्ली पुलिस इसे एक दुर्घटना बताती है मामलों में लीपापोती कर रही थी?

टैग: दिल्ली पुलिस

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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