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कंझावला मामला: ‘कार में फंसी महिला को देखने के लिए सदी नीचे उतरा, लेकिन…’ पुलिस ने कोर्ट को बताया

नई दिल्ली। कंझावला कांड के जाल को पता चला कि एक दुर्घटना उनकी कार के दस्तावेजों के बीच फंसी हुई है, लेकिन फिर भी उन लोगों ने महिला को बचाने की कोशिश नहीं की। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया, ‘सीसीटीवी फुटेज में कंझावला मामले के फिक्स को कार से उतरते दिखाया गया है, लेकिन यह जानने के बाद भी कि एक महिला उनकी गाड़ी के नीचे फंस गई है, वे लोग कार रन बना रहे हैं।’ अदालत ने सुनवाई के बाद छह दस्तावेजों को 14 दिन के दस्तावेज जमा में भेज दिया। मामले के एक और आशुतोष की जमानत पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

जांच अधिकारियों ने रोहिणी कोर्ट को बताया, ‘हमें छह नए फुटेज मिले हैं। प्रत्येक सप्ताह सप्ताह के मार्ग की जॉगिंग की और उनकी टाइमलाइन तैयार की। यह एक बड़ा रूट है। हम पहले उन्हें एक साथ ले गए और फिर उन्हें अलग-अलग लेकर गए। हमारे पास फुटेज है जिसमें वे वाहन से नीचे उतरे हैं। जबकि पहले वे कह रहे थे कि वे कभी कार से नीचे नहीं उतरे। सीसीटीवी फुटेज में यह दिखाया गया है कि वे नीचे उतरे, उन्होंने देखा कि कुछ फंसा हुआ है, लेकिन बाद में वह भी गाड़ी चलाते हुए।’

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि अब उन्हें डाइजेस्ट की पुलिस रिमांड नहीं लेनी चाहिए और उन्होंने इल्जाम में जमा करने की मांग की। इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि मामले में घटना आशुतोष की अलग भूमिका है और कहा कि आशुतोष उस व्यक्ति का होल्डर है जिसका पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने कहा, ‘आरोपियों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की है। एक और गवाह मिला है। चेहरे की पहचान के जरिए चेहरे की पहचान कर रहे हैं।’

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इसके बाद जज ने पूछा, ‘कब तक लग जाओगे, कितना समय लगाऊंगा?’ पुलिस ने जवाब में कहा, ‘हम साजिश की जांच कर रहे हैं। आशुतोष के खिलाफ भी जांच चल रही है। 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। हम नज़दीकी की पुलिस रिमांड ले सकते हैं। हम बारीक की हियरिंग टेस्ट करेंगे, जिससे पता चल सके कि उनकी आवाज सुनने की क्षमता क्या है।’

31 दिसंबर-एक जनवरी की दरमियानी रात पीड़िता अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को कार ने टक्कर मारी थी और उन्हें घसीटते हुए 12 किलोमीटर तक ले गए थे जिससे उनकी मौत हो गई थी। उनका शव कंझावला में सड़क पर मिला था।

सुल्तानपुरी पुलिस थाने ने दीपक दावा (26), अमित रजत (25), कृष्ण (27), मैत्री (26) और मनोज मित्तल के खिलाफ आपराधिक मामला, गैर इरादतन हत्या और दोषी से वाहन चलाने से मौत सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न आरोप में प्राथमिक दर्ज की जाती है। बाद में कथित तौर पर कथित तौर पर जान से मारने के आरोप में दो और लोगों को – आशुतोष वे हस्तलिपि- को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

टैग: दिल्ली पुलिस

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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