मध्य प्रदेश: 2023 चुनाव में भले ही अभी 8 महीने बाकी हैं, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही सत्ता के लिए कमर कस ली है। पिछले दो महीने से हर रोज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच सियासी जंग दिख रहे हैं। शिवराज हर रोज कमलनाथ से एक सवाल पूछते हैं, तो कमलनाथ इसके जरिए उन पर पलटवार करते हैं।
पिछले चुनाव में भी झटके के आंकड़े ही थे: सीएम
पत्रकार से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर कमलनाथ से उनके वचन पत्र को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा, “मैं कमलनाथ जी से लगातार सवाल कर रहा हूं। झूठ के सकलनाथ शिकायते, पिछले चुनाव में भी झूठे के अनुमान ही थे। वचन देने वाले पूरे नहीं किए, निभाए नहीं और अब फिर नया वचन पत्र के रूप में नया झूठ पत्र। उनका अभियान चल रहा है, लेकिन पुराणों का क्या हुआ।”
महिलाओं को लेकर किया वादा याद
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं आज फिर पूछ रहा हूं कमलनाथ जी आपने वादा किया था कि बजट में महिलाओं के लिए 40% का ओवरऑल बजट का प्रावधान करेंगे, आपने क्या किया, मैं फिर कह रहा हूं, आपने बेगा, भारिया, सहरिया जैसी गरीब बहनों के लिए जो हम महीने में 1000 रुपये देते थे, वो भी बंद कर दिए थे, तुम्हारे साथ क्या हुआ।”
‘आप कम से कम महिला हित के सवाल ना पूछे’
चूंकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर उनके पत्र की घोषणा को लेकर फोकस साधा था। ऐसे में घंटे भर के अंदर कमलनाथ ने ट्वीट किया, “आपने अब तक घोषणा पत्र तैयार किया है उनमें से महिलाओं ने कोई वादा नहीं रखा है, आप कम से कम महिला हित के सवाल ना पूछे तो ही अच्छा है। 18 साल के लिए आपका कार्यकाल। मध्य प्रदेश को महिला अत्याचार में पूरे देश में नंबर वन बनाने के बाद आप किस मुंह से सवाल पूछ रहे हैं।”
भोपाल में कांग्रेस का प्रदर्शन: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा, “विधानसभा में चर्चा से आपकी सरकार भागती है। किसानों का विधायक उठाने पर आप कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी को असंवैधानिक तरीके से घोषणा करते हैं। सौदेबाजी की सरकार विधानसभा में मनमानी कर सकती है, लेकिन प्रदेश की जनता का मुंह बंद नहीं कर सकता, इसलिए आपकी सरकार की असंवैधानिक हरकतें और जनविरोधी सोच के परदाफाश के लिए भोपाल में कांग्रेस प्रदर्शन करती है।
2023 के फाइनल में विधानसभा चुनाव
दरअसल, 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जाहिर है चुनाव से पहले फिर दोनों मतदाता घोषणा पत्र बनेंगे, दावे और शिकायत करेंगे। यही कारण है कि 18 साल से सत्ता में छपे से बीजेपी के शिवराज, कमलनाथ के पुराने घोषणा पत्र को ही आधार बनाकर उन्हें झूठा रहे हैं, तो वहीं कमलनाथ भी बीजेपी के घोषणा पत्र के आधार पर ही लगातार उस पर हमला करते नजर आ रही है है।
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