लेटेस्ट न्यूज़

कुली से बढ़ा और फिर टपका काम, कमल हासन की सलाह, मराठी नौजवान थलाइवा बन गए

‘हजार बर्क गिरे लाखों आंधियां उठें, वो फूल खिलते हुए जो बसने वाले हैं’, साहिर लुधियानवी के ये शेर रजनीकांत पर बिल्कुल फिट बैठते हैं। लाख कोशिशों के बाद मराठी नवयुवक तमिल का ‘थलाइवा’ बना। यहां तक ​​पहुंचने की कहानी आसान नहीं थी, लेकिन कहते हैं ना ‘हिम्मत अमरदा, एक मदद खुदा’। तमिल फिल्मों के नंबर वन सुपरस्टार रजनीकांत अपने यूनिक स्टाइल, दमदार प्रेजेंटेशन और लोगों के मसीहा हैं, जिन्हें लोग भगवान की तरह पूजते हैं। उनका चरित्र फिल्मों में जितना आसान लगता है, उतना ही उनका वास्तविक जीवन भी कठिन है। शायद ही आप जानते होंगे कि तीन-तीन काम करने के बाद वह अभिनेता बने और वो मुकाम हासिल किया, जिसके सपने देखे थे।

ये कहानी एक कुली की है, जो कभी रेलवे स्टेशन पर लोगों का सामान उठाती थी। इस काम की जरूरत पूरी नहीं हुई, तो वह बढ़ गया और आरी, ब्लैड से कला का हुनर ​​दिखाया, घर से भी अच्छी तरह नहीं चल रहा था। मौका मिला और फिर बस प्रोजेक्ट बन गया, लेकिन वो शायद ये नहीं जानता कि ईश्वर ने अपना ‘टिकट’ किसी और काम के लिए काट लिया है। सांवले चेहरे और सामान्य कद काठी ये कुल, उम्र और फिर बीबीटी में बस बना, सुपरस्टार तमिल फिल्मों के थलाइवा बन गए।

तंगहाली, बेबसी और गरीबी से नहीं देंगे रजनीकांत
रजनीकांत को मुश्किल हालात के बावजूद कौन रोक पाया। उन्होंने उन तमगा और चिह्नों को प्राप्त किया, जो सदियों से चंदन लोगों को नसीब होते हैं। तंगहाली, बेबसी और गरीबी के बावजूद भी इस थलाइवा ने कभी भी अपने आस पास को बुझने नहीं दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, तो काम करके परिवार का हाथ बटाने का ठाना।

दोस्त की वजह से विशेष अभिनेता
रजनीकांत अभिनेता बनना चाहते थे। रजनीकांत के इस सपने दोस्त राज बहादुर ने जिंदा रखा और उन्होंने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म निर्देशन में लेने के लिए कहा। राज बहादुर के आर्थिक सहयोग से ही रजनीकांत के निर्देश में संभव हो पाया। जब रजनीकांत मद्रास फिल्म से अभिनय सीख रहे थे, तब उन्होंने एक नाटक में दुर्योधन का किरदार निभाया। तब उनके निगरानी निदेशक के. बालचंद्रन की जांच हुई थी।

घर से पार्टनर डायरेक्टर के पहुंचे थे। बालचंद्रन के पास
के. बालाचंद्रन के काम से काफी प्रभावशाली है। उन्होंने उन्हें तमिल सीखने के लिए कहा। रजनीकांत में निदेशक की बात करने वाले और तुरंत तमिल भाषा पर काम करना शुरू कर दिया। एक जिन रजनीकांत ने घर से भाग लिया और चेन्नई गए। बालचंद्रन से मिलने की. डायरेक्टर से उन्होंने कहा, बस अब और काम नहीं करते… आप ही कुछ रास्ता बताते हैं’.

ही पहली फिल्म हिट हुई रजनीकांत
निर्देशक बालकृष्णन, रजनीकांत की छिपी प्रतिभा से वाकिफ थे। उन्होंने ‘अपूर्वा रागनगल’ फिल्म के लिए उन्हें साइन किया। इस फिल्म के हीरो कमल हासन थे। फिल्म वे एब्यूजिंग हस्बैंड का किरदार था। फिल्म को 3 नेशनल अवॉर्ड मिले थे। रजनीकांत की ये पहली फिल्म थी, जबकि कमल हासन वीक थे। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। कमल हसन के साथ उनकी दूसरी फिल्म ‘मूंदरू मुदिचु’ इस फिल्म में उन्हें बड़े रोल के लिए ली गई। इसके बाद ये फिर कन्नड़ फिल्मों में भी नजर आई। इस तरह रजनी रजनीकांत या तो सिर्फ नकारात्मक किरदार कर रहे थे या फिर सपोर्टिव रोल।

कमल हासन की सलाह ने बनाया सुपरस्टार
इस फिल्म के बाद ही कमल हासन ने रजनीकांत को सलाह दी, जिसके बाद उनकी किस्मत चमक गई। कमल हासन ने रजनीकांत को समना कि अगर इसी तरह तुम सपोर्टिव रोल और नेगेटिव किरदार करते रहोगे तो कभी भी हीरो नहीं बन पाओगे। कमल हासन ने उन्हें अभिनेता के रूप में मुख्य भूमिका निभाने की सलाह दी। कमल हसन की बात ये कि उन्होंने किंक बांध ली और वह फिल्में फिर उसी पर साइन करने लगे, जब उन्हें लीड रोल मिला। इसके बाद 1980 तक रजनीकांत ने लगभग 50 फिल्में कीं, जिनमें उन्होंने अपना आपस का लीड किया। इसमें तमिल, कन्नड़ और कन्नड़ भाषा की फिल्में शामिल हैं। उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुईं और उनकी स्टाइल और एक्टिंग के अलग-अलग लोगों में अलग ही क्रश देखने को मिला।

कैसे हमेशा के लिए शराब छोड़ दें
निर्देशक के बालकृष्णन रजनीकांत का काफी ख्याल रखते थे। इसी वजह से रजनीकांत काफी इज्जत भी करते थे, लेकिन अपने स्ट्रगल के दिनों में रजनीकांत काफी शराब पीते थे। एक बार डायरेक्टर ने उन्हें पकड़ लिया और जमकर डांट भी लगाई। इसके बाद उन्होंने हमेशा के लिए शराब छोड़ दी।

1983 में बॉलीवुड में कदम रखा
साल 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। उनकी पहली हिंदी फिल्म अंग कानून थी। रजनीकांत इसके बाद ठीक-ठाक सीढ़ियां चढ़ गया। चालबाज, चमकी, रोबोट समेत कई फिल्में हिट हो रही हैं। आज वे दक्षिण भारतीय फिल्मों के सबसे बड़े सितारे कहे जाते हैं।

कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं
रजनीकांत को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। रजनीकांत को वर्ष 2021 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, 2016 में पद्म विभूषण दिया गया। रजनीकांत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला है।

टैग: मनोरंजन विशेष, रजनीकांत, सुपरस्टार रजनीकांत

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page