UNITED NEWS OF ASIA. कबीरधाम। छत्तीसगढ़ में पहले 09, अब नवीन प्रयास आवासीय विद्यालयों को मिलाकर कुल 15 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं। जिनमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक की उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करते हुए विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित मेडिकल एवं इंजीनियरिंग आदि की शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने हेतु प्रारंभ से ही विशेष कोचिंग के माध्यम से तैयार कर सक्षम बनाया जाता है।
प्रयास आवासीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु प्रदेश स्तर में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसकी नि:शुल्क ऑनलाइन सघन तैयारी ‘प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र, रक्से जिला -कबीरधाम’ द्वारा पिछले वर्ष से कराई जा रही है। इस केंद्र के संचालक शासकीय हाई स्कूल बामी में पदस्थ गणित के व्याख्याता, ग्राम रक्से निवासी त्रिभुवन राम साहू जी जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा की तैयारी वर्षों से करते आ रहे हैं। उन्होंने सोचा कि मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए बहुत महंगी कोचिंग करनी पड़ती है जो कि गरीब और दुर्गम क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बहुत मुश्किल होता है।
प्रयास आवासीय विद्यालयों में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हेतु जीव विज्ञान विषय वालों को NEET, इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश हेतु गणित वालों को JEE तथा वाणिज्य एवं कला वालों को CA, CS, CMA, CLAT की विशेष कोचिंग, कोर्स की पढ़ाई के साथ-साथ कराई जाती है। इसीलिए साहू जी ने प्रयास विद्यालयों में चयन हेतु विद्यार्थियों को तलाशकर नि:शुल्क ऑनलाइन क्लास के माध्यम से तराशना प्रारंभ कर दिया।
इस वर्ष प्रवेश परीक्षा की तैयारी हेतु छ.ग.के विभिन्न जिलों से नियमित रूप लगभग 80 परीक्षार्थी ऑनलाइन क्लास से लाभान्वित हो रहे थे।। उन्हें आकर्षक पी. डी. एफ., पी. पी. टी. व ऑनलाइन माॅक टेस्ट के माध्यम से सघन तैयारी कराई जा रही थी। जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष सत्र 2024- 25 में प्रयास आवासीय विद्यालय में 23 बच्चों का कक्षा – 9वीं में चयन हुआ है। कुछ बच्चों का नाम वेटिंग लिस्ट में हैं।
त्रिभुवन राम साहू जी के अथक प्रयास से प्रयास में चयनित विद्यार्थियों को उन्होंने प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र की ओर से शुभकामनाएं दी हैं और उनसे अपेक्षाएं की हैं कि वे दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम से प्रयास विद्यालय के उक्त लक्ष्य को प्राप्त करें और उचित सेवा प्रदान कर समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इसके साथ ही जिन बच्चों का चयन नहीं हो पाया उन्हें कहा कि ‘असफलता केवल यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयत्न पूरे मन से नहीं हुआ है।’ आप अपनी कमजोरियों को ढूंढें और उन्हें पूरा करके आगे की पढ़ाई को पूरे समर्पण भाव से संकल्पित होकर कठिन परिश्रम से करें और 11वीं में प्रवेश हेतु तैयारी में जुटे रहें।
प्रज्ञा ज्ञानोदय केंद्र के संचालक त्रिभुवन राम साहू जी का मानना है कि सभी लोगों को अपने समय, प्रभाव, ज्ञान, पुरुषार्थ एवं धन का एक अंश नियमित रूप से समाज व राष्ट्र के कल्याण और संसार में सत्प्रवृत्तियों के पुण्य प्रसार के लिए लगाते रहना चाहिए।
पेट – प्रजनन तथा अपनी संतान का लालन-पालन तो जानवर लोग भी कर लेते हैं। यदि हमने उक्त परमार्थ का काम नहीं किया तो हममें और जानवर में अंतर ही क्या रह जाएगा ? उन्होंने प्रज्ञा ज्ञानोदय केन्द्र को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले नंदकिशोर साहू और अन्य सभी साथियों का आभार व्यक्त किया है।