जियो रिफ्रेंसिंग एवं डिजिटाईजेशन से भू-सर्वे कार्य होगा आसान एवं त्रुटि रहित, बंदोबस्त त्रुटि सुधार प्रकरणों का होगा तत्वरित निराकरण
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। राजस्व विभाग प्रदेश में भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए नई तकनीकी जियो रिफ्रेंसिंग का इस्तेमाल करने जा रही है। जियो रिफ्रेंसिंग तकनीक के माध्यम से अब छोटी से छोटी भूमि का वास्तविक चिन्हांकन करना आसान होगा। साथ ही अब फसलों का एग्रीस्टैक एप के माध्यम से क्रॉप सर्वे किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा राज्य के कैडेस्ट्रल नक्शों का जियो रिफ्रेंसिंग एवं डिजिटाईजेशन करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं है। मुख्यमंत्री साय ने इस परियोजना को प्रारम्भ करने के लिए अपनी स्वीकृति भी दी है। प्रारंभिक तौर पर कबीरधाम सहित अन्य दो में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारम्भ किया गया है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में जिले के तहसील पिपरिया के ग्राम अगरीकला में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें दिल्ली से आएं अधिकारियों द्वारा जिलें के राजस्व अमला को एग्रीस्टैक एप के माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वे का व्यवहारिक प्रशिक्षण 14 जून 2024 को दिया गया। जिसमें पॉयलेट प्रोजेक्ट के जिले कवर्धा, महासमुन्द एवं धमतरी के लैण्ड रिकार्ड के अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भी उपस्थित थे।
जिसमें बताया गया कि जियो रिफ्रेंसिंग तकनीक के माध्यम से इस वर्ष से डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाना है। डिजिटल सर्वे की जानकारी एग्री स्टैक पोर्टल में ऑनलाईन उपलब्ध रहेगी। एग्री स्टैक पोर्टल में किसानों का पंजीयन सर्वेयर के द्वारा स्वतः करेंगे। पंजीयन होनें के बाद पंजीकृत किसानों को एक फार्मर आई.डी. दी जाएगी।
इस पोर्टल में किसानो द्वारा लगाई गई फसल के साथ-साथ उन्हे आवश्यक खाद और पानी की मात्रा की भी जानकारी मिलेगी। इसके तहत अब प्रत्येक खसरे, भू-खण्ड में जाकर फसलों के फोटोग्राफ्स लिए जाएंगे, जो कि जियो टैग होंगे। जिससे फसलों के वास्तविक खसरावार, ग्रामवार आंकड़े प्राप्त होंगे। जिसका उपयोग एग्रीस्टैक पोर्टल में किसानवार आंकड़ो के संग्रहण के लिए किया जाएगा।
डिजिटल क्रॉप सर्वे द्वारा तैयार एग्री स्टैक के माध्यम से कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को प्रदान करने में आसानी होगी। इनका उपयोग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीदी के लिए भी किया जाएगा।
डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से तैयार एग्री स्टैक उन किसानों की पहचान करेगा जिन्होनें सरकार की नीति के अनुसार फसले ली है और सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा सकेगा। फसलों के उत्पादन के वास्तविक आंकड़़े केन्द्र एवं राज्य सरकार को महत्वपूर्ण वस्तुओं के आयात एवं निर्यात की योजना बनानें में मदद करेगा।
कैडेस्ट्रल नक्शों के जियो रिफ्रेसिंग करने से लाभ
भू-सर्वे कार्य आसान एवं त्रुटि रहित हो पाएगा, बंदोबस्त त्रुटि सुधार प्रकरणों का तत्वरित निराकरण, सीमांकन कार्य में आसानी भूमि संबंधी विवादों का सही-सही निराकरण, किसी भी शासकीय परियोजना, भू-अर्जन प्रकरणों को तैयार करना सरल होगा, वर्तमान में उपलब्ध पटवारी नक्शा तथा स्थल पर भिन्नता का आंकलन एवं निराकरण किया जा सकेगा, सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा संबंधी न्यायालयीन प्रकरणों में कमी आएगी, प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का राज्य में क्रियान्वयन