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जंगल क्रूज रिव्यू: ‘जंगल क्रूज’ जैसी फिल्में हिंदी में कब बन सकती हैं?

वॉल्ट डिज़नी की क्रिएटिविटी को प्रमाण की ज़रूरत नहीं है। इसलिए उनके दशकों के बाद भी उनकी प्रोडक्शन कंपनी डिज़्नी स्टूडियोज़ अगर कोई फ़िल्म बनाती है तो यह उम्मीद करना तय करती है कि फ़िल्म में मनोरंजन का आकर्षण मिलेगा। हाल ही में डिज़्नी+ हॉटस्टार की रिलीज़ ‘जंगल क्रूज़’ एक ऐसी बेहतरीन एडवेंचर फ़ैंटेसी फ़िल्म है, जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जाना चाहिए और एक से बेहतर एक्शन का मज़ा लेना चाहिए। 200 मिलियन डॉलर यानी 15 अरब रुपये की लागत से बनी इस फिल्म में आपको एक ऐसा सफर का मज़ा मिलेगा जो हंसाएगा, रोमांटिक महसूस करेगा और सबसे बड़ी बात, एक पल के लिए बोर नहीं करेगा।

एक अजीब से नक़्शे और एक लटकन की मदद से अजर रहने की औषधि की खोज करते हैं। लिली होटन (एमिली ब्लंट) और उनके भाई मैकग्रेगर होटन (जैक व्हाइटहॉल) फ्रैंक वुल्फ (ड्वेन जॉनसन) से मिलते हैं जो अपने टूटे हुए नाव और अपने जगुआर प्रतिनिधि के साथ उन्हें ‘ट्री ऑफ लाइफ’ खोजने में मदद करते हैं। फ्रैंक ब्योज डायलॉग्स लाइव है और अपने हरकतों से पूरे समय मस्ती करता रहता है। ट्री ऑफ लाइफ के पीछे जर्मन राजघराने के प्रिंस जोएकिम भी पड़ा है ताकि वो जर्मनी की खामियां जो अजर अमर बना सके और पूरी दुनिया पर जर्मनी का राज खुल सके। पूरी फिल्म में कदम दर कदम एक नया रोमांच है। हर किरदार अपना एक पहचान है।

लिली, ट्री ऑफ लाइफ की मदद से पूरी दुनिया को बीमारियों से मुक्ति चाहते हैं तो उसका भाई सिर्फ इसलिए उसके साथ खड़ा है क्योंकि वो ‘गे’ है और पूरे परिवार में सिर्फ लिली ही उसका साथ देता है। एक पुरानी दुर्घटना में फ्रैंक को ट्री ऑफ लाइफ की वजह से अमर होने का वरदान प्राप्त होता है और वो इस वरदान से मुक्ति पाने के लिए ट्री ऑफ लाइफ पाता है। अमरत्व को अगुएरे भी फ्रैंक के पीछे पड़ा है क्योंकि ट्री ऑफ लाइफ के संरक्षक ने उसे श्राप दिया है और उसका शरीर सांपों से बना दिया जाता है। फिल्म इस ट्री ऑफ़ लाइफ़ की कहानी है। एक लंबी कहानी के अंत में ट्री लाइफ का सिर्फ एक फूल लिली के हाथ लगता है। लिली फ्रैंक पर लगे अमरत्व के वरदान को खत्म करने के लिए इस्तेमाल करती है। सभी बुरे लोगों को उनकी सबसे बड़ी सज़ा मिल गई है।

ड्वेन जॉनसन की कॉमेडी टाइमिंग आम दर्शकों को पसंद आती है क्योंकि वो एक बलिष्ठ व्यक्ति हैं और उनकी बॉडी देख कर उनकी ग़ुस्सैल होने की कल्पना करना आसान है लेकिन जब वो एक से बढ़ कर एक इच्छा करते हैं तो बरबस ही हंसी आ जाती है। एमिली ब्लंट सुन्दर हैं, जीनियस हैं और उनकी पूरी फिल्म में सबसे अच्छी है। 1935 में सीएम फॉरेस्टर के उपन्यास “द अफ्रीकन क्वीन” पर 1951 में एक फिल्म बनी थी। हीरो हम्फ्री बोगार्ट थे (इस फिल्म के लिए उन्हें उनका एकलौता ऑस्कर मिला था) और नायिकाएँ कैथरीन हेपबर्न थीं। एमिली ब्लंट की कैथरीन की विशेषता से पता चलता है। वैसे वाल्ट डिज़्नी के एंटरटेनमेंट पार्क डिज़्नीलैंड में “जंगल क्रूज़” नाम का एक एंटरटेनमेंट जोन है जो कि इस फिल्म की कहानी का मूल आधार है।

करीब 17 साल से जंगल क्रूज पर फिल्म बनाने को लेकर विचार चल रहा था। कभी कास्ट तो कभी फंड्स, कभी स्टोरी पूरी तरह से न बनने की वजह से ये फिल्म का निर्माण कह रही है। हालांकि फिल्म को दर्शकों ने पसंद तो किया है लेकिन समीक्षकों की राय अलग है। इन सबके बावजूद इस फिल्म का सीक्वल बनाने की तैयारी की जा रही है. ड्वेन और एमिली इस सीक्वल में भी नज़र आएंगे। इस फिल्म में एडवेंचर के साथ कंप्यूटर ग्राफिक्स और मोशन टेक्नोलॉजी की मदद से जानवरों के कई अंश रखे गए हैं जो बच्चों को बहुत पसंद आते हैं। जेसी प्लेमन्स ने प्रिंस जोआकिम की भूमिका बहुत अच्छी निभाई है। जेसी पिछले कुछ समय से बड़े परदे पर नजर आ रहे हैं। उन्हें लोग विश्वविख्यात वेब सीरीज “ब्रेकिंग बैड” की वजह से जानते हैं। इसी तरह फिल्म में फ्रैंक के प्रतिस्पर्धी के रोल में पॉल जियामाटी जैसे टैलेंटवान अभिनेता की वजह से जुगलबंदी करते हैं। पॉल कई फिल्मों में विलन बने हैं लेकिन जंगल क्रूज में उनका रोल मजेदार है। एमिली के भाई का रोल जैक व्हाइटहॉल ने किया है। डिज़्नी की फ़िल्मों को ऑडियन्स की नज़र से बनाया गया है। यह दूसरी बार है कि डिज़्नी की किसी फ़िल्म में एक प्रमुख किरदार “गे” है, हालांकि इस फ़िल्म में न तो इस बात का मज़ाक उड़ाया गया है और न ही कोई ट्रांसमीटर करने वाले दृश्य हैं।

निर्देशक जॉम कॉलेट सेरा इस बार बिल्कुल अलग जॉनर की फिल्म बना चुके हैं। इसके पहले वे हाउस ऑफ वैक्स, ऑरफ़न या द शेल्स जैसी डरावनी फिल्में बनीं या फिर नॉनस्टॉप और पूरी तरह से नाईट जैसी एक्शन फिल्में। जंगल क्रूज जैसी काल्पनिक साहसिक फिल्म बना कर उन्होंने अपना जीवंत परिचय दिया है। शक का सीक्वल भी समान डायरेक्ट करेगा। इस फिल्म में एक पूरी फौज है जिसने इतने बड़े सेट और शूटिंग के लोगों पर काम किया है। प्रोडक्शन डिज़ाइनर जीन विन्सेंट पुजोस के साथ डेविड लज़न और टीम जैसे आर्ट डायरेक्टर्स, या फ़िर सेट डेकोरेटर लैरी डायस ने एक सीन को ओरिजिनल थीम के अनुसार ज़बरदस्त वर्क की है। 39 फ़ीट लम्बी दो नाव बनीं रहीं। कोस्टुम डिज़ाइनर पाको डेलगाडो ने एमिली ब्लंट के कपड़ों के लिए दुनिया की पहली महिला पायलट एमिलिया ईयरहार्ट के कोस्टम से प्रेरणा ली थी। मेकअप के लिए जॉन हार्लो ने करीब 65 तरह के टैटू डिजाइन किए ताकि अमेजॉन के जंगल के आदिवासियों को सूट करे। करीब 2 साल तक इसका प्रोडक्शन हो रहा है और डिज्नी की और फिल्मों की तरह इस पर पैसा पानी की तरह बहाया गया।

फिल्म दोस्ती है। देखिये। मजा आ जाएगा। हम भारत में इस तरह की फिल्में देखने के लिए लाट हो जाते हैं, बनाना तो बहुत दूर की बात है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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