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जोशीमठ संकट: शाह ने पुष्कर सिंह धामी से फोन पर की बात, हर संभव अमित सहायता देने का नुकसान दिया

अमित शाह की बैठक

एएनआई

पुष्कर सिंह धामी अभी जोशीमठ पहुंचे हैं। वह प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं। ही साथ लोगों से बातचीत करके उनकी संभावनाओं को समझने की कोशिश भी कर रहे हैं।

जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर वहां संकट की स्थिति बनी हुई है। साइट पर एंडी स्ट्रैटेजी और स्ट्रैटेजी की टीम मौजूद है। खुद के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस संकट को लेकर एक बड़ी बैठक की थी। इसके अलावा प्रशासन भी लगातार इस मुद्दे को लेकर गंभीर दिख रहा है। इन सबके बीच केंद्रीय गृह अमित शाह ने उत्तराखंड के आकर्षण पुष्कर सिंह धामी से फोन पर जोशीमठ के मुद्दों पर बातचीत की है। इसके साथ ही गृह मंत्री ने केंद्र की ओर से उत्तराखंड को हर संभव सहायता देने का नुकसान भी दिया है। आपको बता दें कि पुष्कर सिंह धामी अभी जोशीमठ पहुंचे हैं। वह प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं। ही साथ लोगों से बातचीत करके उनकी संभावनाओं को समझने की कोशिश भी कर रहे हैं।

इससे पहले पुष्कर सिंह धामी ने अपने बयान में कहा था कि ऐसी बात सामने आ रही है कि सभी इमारतों को तोड़ा जा रहा है, ऐसा नहीं है। केवल 2 शिकायतों की बात सामने आई थी और उस पर भी सभी सहमति के बाद ही प्रशासन काम करेगा। राहत, पुनर्वास और मुआवजे के लिए समिति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास ठीक तरह से हमारी प्राथमिकता है। हम जल्द से जल्द सभी जरूरी राहत पहुंचेंगे, उसके लिए काम कर रहे हैं। धामी ने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि व्यापारिकता और उद्योग दोनों का संतुलन बना रहे। गति से हो रहे विकास को थोड़ा कम करेंगे। हम सभी शहरों की क्षमता का विस्तार करेंगे, यदि उनकी क्षमता से कहीं अधिक विकास हो गया है तो वे छिप जाएंगे।

वहीं, आज ही जोशीमठ को लेकर क्लिक ऑफिस ने ट्वीट कर कहा कि भोपाल पुष्कर सिंह धामी द्वारा दी गई सिफारिशों का अनुपालन करते हुए प्रभावित होता है तो त्वरित रूप से 1.5 लाख रुपये की फैक्टर सहायता के रूप में दिया जा रहा है। इसमें आगे कहा गया है कि हमारी सरकार स्थानीय लोगों के लोगों का पूरा ध्यान रख रही है। भू-धंसाव से जो स्थानीय लोग प्रभावित हुए हैं उनके बाजार दर पर दाद दिया जाएगा। बाजार की दर के हिसाब से सलाह और जनहित में ही तय किया जाएगा। जिम्मेदारी के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि 2 होटल जोखिम के अलावा जिन्हें ‘असुरक्षित’ करार दिया गया है, उन जोखिम को गिराया नहीं जा रहा है। अब तक 723 इमारतें क्षतिग्रस्त हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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