
स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ पहुंचे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि क्षेत्र में घट-बढ़ रहे पानी के जमाव की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
भू-धंसाव ग्रस्त जोशीमठ में रविवार को जोशीमठ-औली रोपवे के शुरू होने के स्थान पर दरारें और चौड़ी हो गई हैं जबकि इससे कुछ मीटर दूर स्थित दो अन्य बडे़ मानक के भी एक दूसरे पर असर की रफतार स्पष्ट हो गई है। इस बीच, नगर के मारवाडी क्षेत्र में स्थित जेपी कॉलोनी में एक छत से जलधारा से हो पानी के जुड़ाव में कमी के दो दिन बाद फिर भी इसमें कई जगहें देखी गई हैं। दो जनवरी से इसमें से लगातार मटमैला पानी निकल रहा है। हालांकि, विशेषज्ञ इसके स्रोत के बारे में अभी भी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है।
स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ पहुंचे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि क्षेत्र में घट-बढ़ रहे पानी के जमाव की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उरदर, भू-धंसाव के कारण ऊपरी हिस्से में एक दूसरे से खतरनाक रूप से जुड़े हुए लोग मलारी इन और होटल माउंट व्यू के झांझीकरण की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी कर रहे हैं जबकि असुरक्षित घोषित मकानों के 17 और पूरे को राहत शिविर लगाए गए हैं। साढे चार किलोमीटर विस्तार जोशीमठ-औली रोपवे जहां से शुरू होता है, वह खतरों के लिए नारंगी है।
इसके छोटे हिस्से से आधा किलोमीटर सीधा जेपीजी कॉलोनी है, जहां पानी का रिजेक्शन हो रहा है। जेपी कालोनी के ऊपर और नीचे की ओर स्थित सभी आवश्यकताएं भू-धंसाव की जड़ में हैं। पिछले तीन दशकों से एशिया की बड़ी रोपवे परियोजना से एक औली रोपवे का संचालन करने वाले राज्य सरकार ने गढ़वाल मंडल विकास निगम के मुख्य संचालक इंजीनियर दिनेश भट्ट ने पीटीआई- को बताया कि रोपवे के मुख्य भवन में, जहाँ से रोपवे संचालित होता था , पहले लाइटलाइट-हल्की सामान्य दरारें थीं लेकिन शुक्रवार की रात रोपवे के शुरुआती प्लेटफॉर्म से शुरू हुई है।
उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह तक रोपवे परिसर में दीवार से कुछ दूरी पर चार से छह इंच चौड़ी, बीस फुट लंबी और चार फुट गहरी दरार आ गई है। छह हजार फुट पर स्थित जोशीमठ नौ हजार फुट पर स्थित औली शेकिंग सेंटर से जोड़ने वाले इस रोपवे का परिचालन पिछले 10 दिनों से बंद है। इस रोपवे से सटे दो होटल, स्नो इंटेक्स और होटल कामेट भी भू-धंसाव के जाद में हैं और एक दूसरे से चिपके हुए हैं जिसके बारे में राय रखने पर दोनों नागरिकों को छोड़ दिया जाता है। स्नो टेक्सट के मालिक की पुत्री पूजा प्रजापति ने बताया कि उनका होटल दूसरे होटल की ओर झुका हुआ है।
उन्होंने कहा कि दोनों के बीच पहले चार फुट का फासला था जो अब घटक मात्र एक-दो इंच रह गया। सिंहधार वार्ड में होटल पंचवटी का संचालन करने वाले भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि शनिवार की रात दरारें और चौड़ी हुई हैं। इस बीच, प्रधान मंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल ने जोशीमठ पहुंचकर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भू-धनाव प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने औली रोपवे से लेकर मनोहरबाग वार्ड में झोले में रहते हुए रोजी-रोटी सहित हर रोज मकानों का भी जायजा लिया।
उन्होंने जेपी कॉलोनी में हो रहे पानी के जुड़ाव का भी अवलोकन किया। जा कर जा रहे होटल मलारी इन की ऊपरी मंजिल में अटपटी और ड्रिलिंग लाइनों के जरिए दीवारों को तोड़ने का काम किया जा रहा है। मारवाड़ी क्षेत्र में अज्ञात स्रोत से हो रहा पानी का जमाव दो दिन तक कम रहने के बाद बढ़ा फिर 240 लीटर प्रति मिनट हो गया। शुरुआत में 550 लीटर प्रति मिनट पानी का जमाव हो रहा था जो 13 जनवरी को कंपोनेंट 190 लीटर प्रति मिनट रह गया था।
भू-वैज्ञानिकों के साथ भू-धंसाव संबंधित क्षेत्रों का अवलोकन करने के बाद सिन्हा ने संबंधित अधिकारियों से लेनदेन में गुप्त रहस्यों और भू-धंसाव के ‘पैटर्न रूट’ की निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय भू-भौतिक अनुसंधान संस्थान, सिकंदराबाद द्वारा प्रभावित क्षेत्रों की भू-भौतिकीय विश्लेषण की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि सारांश जलधारा का अध्ययन करने के बाद संस्थान क्षेत्र का भू भौतिकीय और अनुशीलन रेखांकन जो जोशीमठ के उपलब्ध जलनिकासी और स्थिरीकरण योजनाओं में काम करते हैं।
चमोली जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से जारी बुलेटिन के अनुसार, दरार वाले मकानों की संख्या रविवार को बढ़कर 826 हो गई है, जबकि असुरक्षित क्षेत्र में आने की संभावना की संख्या भी बढ़कर 165 हो गई है। रविवार को 17 और संपूर्ण को अस्थाई राहत शिविर में लाया गया और अब तक कुल 233 लोगों को 798 लोगों को राहत शिविर दिया गया है।
इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सहित जोशीमठ में काम कर रही विभिन्न जांच दस्तावेजों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के संबंध में बिना पूर्वानुमति के मीडिया से बातचीत करने या सोशल मीडिया पर कोई सूचना साझा न करने के निर्देश दिए दिए गए हैं। ये निर्देश इसरो द्वारा जारी किए गए सैटेलाइट तस्वीरों में जोशीमठ में 27 दिसंबर 2022 से आठ जनवरी 2023 के बीच भू-धंसाव की गति बढ़ने से जुड़ी जानकारी सामने आई और उससे जुड़ने के बाद आए। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने भी कहा कि इसरो ने अपनी बेबसी पर फोटो खिंचवा ली है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें