उत्तराखंड के जोशीमठ संकट के बाद भू-धंसाव के मामले में लगातार दिशानिर्देश जारी हैं। उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग के घरों में दरारें आने से लोग प्रभावित होते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और बागपत के शीशों में दरारें दिखाई दीं। इस बीच अब यूपी के औरैया जिले के घरों में भी दरारें पड़ रही हैं। औरैया में करीब 15 घरों में दरारें आ गई हैं।
और गलीया के मदार द्वार और श्लोक चंद्र झूलों में घरों में दरारें आने की खबर है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों की एक टीम ने मौके पर पहुंच और जांच शुरू की, हालांकि घरों में दरारें आने के सही कारण का पता लगाना अभी बाकी है। दोनों क्षेत्रों में लगभग 1,000 से 1,300 घर हैं। यहां बने कुछ पक्के घरों में पिछले कुछ महीनों में दरारें दिखने लगी हैं।
‘घर में लगा पूरी जिंदगी की कमाई’
शुरुआत में स्थानीय लोगों ने इसकी वजह से बारिश को माना। बाद में 15 से अधिक मकानों की छत, छत की दीवारों में दरारें आने से लोग सहम गए, जिससे जिला प्रशासन सतर्क हो गया। वर्तमान में समस्या दो क्षेत्रों में रहने वाले 15 लोगों और कुछ अन्य लोगों के घरों में मौजूद है। विधी चंद्र मोहल्ले के मूल चंद्र अग्रवाल, जिनके घर में दरारें आ रही हैं, कहते हैं, इस घर में हमने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई लगाई है, अब समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें, अभी तो हमने करीबियों के मोहल्ले में किराए पर घर के लिए स्नैपचैट में होने का फैसला लिया है।
‘फर्ज पर लगा पत्थर भी काला हो गया है’
उन्होंने कहा, “प्रशासन अभी बहुत गंभीर नहीं दिख रहा है। हमने इसकी जानकारी अधिकारियों को काफी पहले ही दे दी है, लेकिन यह स्थिति क्यों बनी हुई है, यह अभी पता नहीं चला है। मुखिया के दरवाजे के घरों में भी दरारें आ गई हैं। फर्त पर लगा पत्थर भी काला हो गया है और लिंटेल के बीच दरार आ गई है।”
जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ घरों में दरारें पड़ने का मामला सामने आया। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी की एक टीम ने घरों का अवलोकन किया और सही कारण रिपोर्ट आने के बाद पता चला। कार्यपालक अभियन्ता लोक निर्माण विभाग अभिषेक यादव ने बताया कि प्रथम दृष्टया घरों में दरार का कारण नलकूप से पानी का जुड़ाव माना जा रहा है, हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।