
जोशीमठ मामला
जोशीमठ मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में हो रहा हाईलेवल गलत हो गया है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूचना सचिव पीके मिश्रा ने की। इस बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय आपदा निगरानी के सदस्य भी शामिल हुए। इनके अलावा जोशीमठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मीटिंग से जुड़े।
मामले को लेकर दिए गए निर्देश
इस बैठक में जोशीमठ में दरकती हुई जमीन को लेकर गहन चर्चा हुई और कई पूर्व महत्व भी लिए गए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, राइट रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जय विज्ञान, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड सेंट्रल ब्रिज रिसर्च इंस्टीट्यूट से कहा गया है कि वे स्ट्रेटेजी की टीम के माध्यम से अध्ययन करें और दृष्टिकोण दें। इसके साथ ही सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कल उत्तराखंड की यात्रा करेंगे और जोशीमठ की स्थिति का जायजा लेंगे। वहीं एंडी रैकेट की एक टीम और तीसरे नंबर की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं।
प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर कई कदम उठाए
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। वहीं जोशीमठ में भू धंसाव के चलते सेना ने किराए के घर में रहने वाले अपने सील्स को अपने कैंप में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। जोशीमठ में भारतीय सेना की बिग्रेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (बीबीआईटीपी) की एक बटालियन कार्यरत है।



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