UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर ।छत्तीसगढ़ के IRS अधिकारी अजय पांडेय ‘सहाब’ की गजलों का कंसर्ट सोमवार को द रॉयल अल्बर्ट हॉल ऑफ लंदन में हुआ। मशहूर गीतकार और फिल्म लेखक जावेद अख्तर ने उनका परिचय दर्शकों से कराया। उन्होंने पांडेय की गजलों और शायरी की जमकर तारीफ की।
पांडेय ने अपनी कविताओं का पाठ भी किया। उनकी गजलों को प्रतिभा सिंह बघेल ने स्वर देकर समां बांधा।
लंदन के इस मोस्ट प्रेस्टीजियस वेन्यू में इससे पहले मशहूर गायिका लता मंगेशकर, गजल गायक जगजीत सिंह जैसी गिनी चुनी हस्तियों को ही परफॉर्म करने का अवसर मिला है। पांडेय की हर गजलों पर खचाखच भरा हाल तालियों से गूंजता रहा।
वर्तमान में मुंबई में प्रिसिंपल कमिश्नर
अजय मूलत: रायगढ़ के रहने वाले हैं। वर्तमान में मुंबई में प्रिसिंपल कमिश्नर हैं। वे छत्तीसगढ़ में भी कई पदों पर रह चुके हैं। वे मंत्रालय में 5-6 बरसों तक विशेष सचिव भी रहे। उन्होंने भारत के सबसे भव्य गजल उत्सव खजाना का बेहद लोकप्रिय थीम गीत भी लिखा है।
पांडेय की गजलों और गीतों को मशहूर गायक राहत फतेह अली खान, सुरेश वाडेकर, जगजीत सिंह, अनुराधा पौडवाल, पंकज उदास, अनूप जलोटा, भूपेंदर सिंह- मिताली सिंह, तलत अजीज, पीनाज मसानी, चंदन दास भी स्वर दे चुके हैं।
उपनाम ‘सहाब’ अरबी का शब्द
पांडेय ने भास्कर को बताया कि उनका उपनाम सहाब एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है बादल। प्रतिभा सिंह बघेल और प्राची देसाई के साथ उनका पांच गजलों का एल्बम ‘लफ्ज भीगे हैं’ को यू-ट्यूब पर 13 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया। यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे अधिक देखा जाने वाला निजी गजल एल्बम बन गया है।
पंकज उधास के साथ भी एल्बम किए
2009 में टी-सीरीज के और अधिक और 2010 में शिशिर पारखी के साथ रूमानीयत, जिसे जगजीत सिंह और गुलजार जैसे सितारों के साथ ग्लोबल इंडियन म्यूजिक अवार्ड्स GIMA के लिए नामांकित किया गया था। पंकज उधास के साथ सेंटीमेंटल (2012) खामोशी की आवाज(2014), मदहोश(2017) एल्बम किए। 2013 में रूह ए गजल उस्ताद गुलाम अब्बास खान के साथ, सुदीप बनर्जी के साथ धड़कन-धड़कन, मैं इश्क में तुम्हारे अमृता चटर्जी के साथ बनाए।
छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान से नवाजे गए
अजय ने बताया कि उर्दू कविता उम्मीद (2015) और मुख्य उर्दू बोलुन (2019) के दो संग्रह लिखे हैं, जो प्रतिष्ठित नेहरू सेंटर लंदन यूके में जारी किए गए थे। उन्होंने स्कैपगोट और परछाइयां फिल्मों के लिए भी गीत लिखे हैं। वह उर्दू गजल संगीत कार्यक्रमों की सबसे लोकप्रिय विश्वव्यापी श्रृंखला “अल्फाज और आवाज” के कवि हैं, जिसे अब इंटरनेट पर 300 करोड़ बार देखा जा चुका है।
अल्फाज और आवाज ने दुनियाभर में लंदन, स्विट्जरलैंड, दुबई, शारजाह और कई भारतीय शहरों में संगीत कार्यक्रम किए हैं। पांडेय को साहिर सम्मान, छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान, राष्ट्रीय मुस्कान पुरस्कार, सृजन कला प्रेरक सम्मान आदि मिले हैं।
UPSC के टॉपर रहे
लोकप्रिय गजलें और गीत लिखने के अलावा, उन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वे शीर्ष रैंकिंग वाले सिविल सेवक भी रहे हैं। उन्होंने हिंदी के उम्मीदवार के रूप में प्रतिष्ठित UPSC सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया। अविभाजित मध्य प्रदेश में PSC में भी टॉप किया।
इन्होंने भी पांडेय की गजलों को दिया स्वर
अतीक असलम, पापोन, शफ्कत अमानत अली, शेखर रावजियानी, विशाल शेखर, जीशान अली, राजेश सिंह, जावेद अली काव्या लिमये, पृथ्वी गंधर्व, मोहम्मद अली, हदीका कियानी, ज्ञानिता द्विवेदी, मधुबंची बागची, वर्षा सिंह धनोवा, सुदीप बैनर्जी, सुमित टोप्पो, गुलाम अब्बास खान, शिशिर पारखी, रेखा भारद्वाज, अमृता चटर्जी, अर्चिता भट्टाचार्य, दीवाकर मीना भी पांडेय की गजलों को स्वर दे चुके हैं।