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जावेद अख्तर: जावेद शर्ते बोले ने चने खाकर रातें, पेड़ के नीचे सोए, सलमान खान के पापा सलीम ने बदली किस्मत

मुंबई। जावेद अख्तर (जावेद अख्तर) का आज जन्मदिन है। वे 78 साल के हो गए हैं। वे भारतीय सिनेमा और साहित्य में सबसे अधिक खोदे और बनाए गए हैं। जावेद का जन्म 17 जनवरी 1945 को अनजान था। उनके पिता मशहूर शायर जानिसार थे। इसलिए ही जावेद के दादा मुज्तर खैराबादी भी एक प्रसिद्ध शायर थे। जावेद की मां सफिया जावेद भी गलत लेखक थे। इतने प्रसिद्ध शायर परिवार होने के बावजूद भी जावेद साहब को काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किए। कई बिना भोजन किए, तो कभी चने खाकर अपनी भूख मिटाए। पैसे नहीं होने पर पैदल चलते थे।

जावेद पढ़ने-लिखने के बाद अपनी किस्मत को रोशन करने के लिए साल 1964 में मुंबई पहुंचे। लेकिन मुंबई में कोई ठिकाना नहीं होने की वजह से उन्होंने कई रातें पेड़ों के नीचे बिताईं। वह लंबे समय तक जा रहा है। वह 2 साल तक ठिकाने लगाने के लिए निकल रहे थे। फाइनल में उन्हें अमरोही के स्टूडियो में रहने के लिए जगह मिली। फिर भी उनका काम नहीं चल सका। वह काम के लिए भटकते रहे।

100 रुपए महिन में राइट्स थे डायलॉग्स

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रहने का ठिकाने मिलने के बाद भी उन्हें अपना पेट पालना पड़ा मुश्किल लग रहा था। क्योंकि उन्हें अभी तक काम नहीं मिला था। इस बीच उन्होंने अपनी खानदानी लेखन परंपरा को सींक और डायलॉग लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने 100 रुपये महीने में डायलॉग क्रिएट किए। इतने में भी उनका काम नहीं चला, तो वह छोटे-मोटे काम कर लेते थे।

जावेद अख्तर बर्थडे

जावेद विवरण का आज जन्मदिन है. (फोटो साभारः Instagram @azmishabana18)

सलीम खान के साथ से काली किस्मत

बड़े परिवार से आने वाले जावेद मोटे होने के लिए इतना भी कम था। वह पेट की भूख मिटाने के लिए कई बार चखकर सोए। जावेद का डगर आसान नहीं हो रहा है। लेकिन साल 1969 में पहला बड़ा ब्रेक मिला। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने सलीम खान के साथ हाथ मिलाया। दोनों की केमेस्ट्री ऑडियन्स और बॉलीवुड को खूब भाई। दोनों ने लगभग 24 फिल्मों में डायलॉग्स लिखे और शायद ही किसी के साथ काम किया।

सलीम खान से हुए थे परदेशी

बाद में, जावेद सामान्यीकृत और सलीम खान के बीच व्यक्तिगत कारणों से परिणत हो गए। जावेद ने इस जोड़ी को तोड़ा और जिम्मेदारी अपने करियर को आगे बढ़ाया। उन्होंने ‘लगान’, ‘वीर-जारा’, ‘कल हो ना हो’ जैसे सुपरहिट फिल्मों के लिए गाने लिखे। इन फिल्मों ने उन्होंने रोशनी पर संदेश दिया।

टैग: जावेद अख्तर

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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