जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में एक जुड़ा समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के साथ संयुक्त रूप से महात्मा गांधी की अवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जब विश्व हिंसा, सशस्त्र संघर्ष और मानव संकट से जूझ रहा है, महात्मा गांधी के सिद्धांतों को विश्व में शांति व स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश बनाए रखना चाहिए। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में एक जुड़ा समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के साथ संयुक्त रूप से महात्मा गांधी की अवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया। भारत ने प्रतिष्ठित शिल्पकार पद्मश्री से सम्मानित रामसुतार द्वारा बनायी गयी यह आवक्ष प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र को उपहार स्वरूप दी है।
रामसुतार ने ही गुजरात में सरकार बनाई वल्लभ भाई पटेल की ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’डिजाइन की है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की यह पहली प्रतिमा है। कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने कहा, ”आज, जब विश्व हिंसा, सशस्त्र संघर्षों और मानवीय संकटों से जूझ रहा है, महात्मा गांधी के सिद्धांतों को विश्व में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश बनाए रखना चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘ ‘संघर्ष और निरंतर मानव जाति के अप्रबंधित/अनिवैर्य अंग हैं। संघर्षों का समाधान हो सकता है और हमेशा का हल आवंटन किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महात्मा गांधी की अवक्ष प्रतिमा का अनावरण बहुत सही समय पर हुआ है, ताकि सभी को याद किया जा सके कि वे इन सिद्धांतों का पालन करें और कार्य विश्व की स्थापना करें, जो संयुक्त राष्ट्र का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा, ”गांधीजी अहिंसा, सत्य और दया का प्रतीक है, वह शांति के प्रतीक हैं, वह भविष्य के लिए जाने के लिए दुनिया को बेहतर बनाने के हमारे कर्तव्य की याद दिलाते हैं।” वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुतारेस ने कहा कि इस साल उनकी भारत यात्रा ने उन्हें याद दिलाया कि इतिहास में कुछ ऐसे लोग हैं, जीवन सत्य महात्मा गांधी की तरह संयुक्त राष्ट्र की जड़ता और मूल्य के अनुरुप है। उन्होंने बताया, ”उनका सर्वेक्षणवाद विरोधी दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र की छाया है।
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