
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल: 19 से 23 जनवरी तक चलने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल इस बार भारतीय भाषाओं पर आधारित रहेगा। साहित्य, कला और संस्कृति की ताकतों का उत्सव मनाया जाएगा। फेस्टिवल के 16वें संस्करण में 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय आकाश गंगा को पेश किया जाएगा। एक विशेष सत्र में अलका सरावगी और उपन्यासकार, डोकिंग में दिगंत के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एक सत्र अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री और उनके अनुवादक डेजी रॉकवेल के नाम रहेंगे।
सत्र संचालन साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता तनुज सोलंकी करेंगे। सत्र का फोकस हिंदी के मूल उपन्यास ‘रेत समाधि’ पर रहेगा और उसके माध्यम से कहानी कहने की प्रयोगात्मक कला, विषय लिपटकर और एक-दूसरे के सामने देखते हुए बंटवारा हो जाएगा।
हिंदी भाषा पर चर्चा
दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली आकाशगंगा में हिंदी चौथे स्थान पर है। प्रत्येक स्थान पर, स्थानीय शब्द और लहजे ने हिंदी का एक नया रूप गढ़ लिया है। भाषा और अनुभव का विस्तार हमेशा कुछ नए गढ़ने के लिए तैयार लेखकों के काम में नज़र आता है। साहित्य के महाकुंभ में उपन्यासकार अंहिका, अंतर्राष्ट्रीय बुकर प्राइज विजेता गीतांजलि श्री, लेखक नंद भारद्वाज और पुष्पेश पंत से ‘एक हिंदी कई हिंदी’ नामक सत्र में जाने-माने कवि, संगीत और सिनेमा के विद्वान यतीन्द्र मिश्रण संवाद करेंगे।
बुक लॉन्च सेक्शन
लेखिका और बड़े साहित्य उत्सव की सह-निदेशक और संस्थापक नमिता गोखले और शब्दकोश पुष्पेश पंत और प्रभात रंजन से बातचीत। प्रकाशक अदिति महेश्वरी गोयल इस अवसर पर टीमवर्क आर्ट्स के अधीनस्थ निदेशक और उत्सव के निर्माता, संजॉय के रॉय, प्रसिद्ध लेखक, इतिहासकार और महोत्सव के सह-निदेशक, विलियम डेलरिम्पल और वाणी समूह के संबंध निदेशक और वाणी फाउंडेशन के संस्थापक, अरुण महेश्वरी लोकार्पण के बाद गोखले की दिलचस्प किताब ‘जयपुर जर्नल’ का मजेदार हिंदी अनुवाद ‘जयपुरनामा’ पर चर्चा की जाएगी। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के ढांचे पर आधारित उपन्यासों से जुड़ी कथाओं के दिल की बात बयान करता है।



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