एमपी विधानसभा चुनाव 2023: अपने एक दिन के जबलपुर (जबलपुर) प्रवास के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया) यूं तो राजनीतिक कार्यक्रमों और बातों से दूर रहे, लेकिन महाकौशल अंचल के उनके संबंधों में गजब का उत्साह देखने को मिला। सिंधिया में सांसद खेल उत्सव (खेल महोत्सव) में शुक्रवार को हिस्सा लिया और अपने एक समर्थक के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए जबलपुर आए थे। बात करें सिंधिया की तो जबलपुर की 2 असेंबली एरिया पर उनके द्वारा थोड़ी ठोकी जा रही है।
जमीन का चक्कर
राजनीति की महाभारत में अर्जुन की तरह निशाने पर लाइव एरो मारने में सिद्धहस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को जबलपुर में एरोंदाजी की फील्ड में अपना हाथ आजया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी फिटनेस दिखाने के लिए दौड़ते हुए पूरी जमीन का चक्कर लगाया। पारंपरिक देसी खेल गिल्ली-डंडा, पिटठू और कंचे का भी भरपूर आनंद लिया। वह खेल रहे हैं और विधायक तालियां बजा रहे हैं। इस दौरान महाराज राजनीति से दूर रहे, लेकिन राजनीतिक संदेश दे रहे हैं।
टिकट वितरण में शामिल है
राजनीतिक सूचनाएं कहती हैं कि नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिराज सिंधिया बीजेपी के टिकट वितरण प्रणाली में केंद्रीय भूमिका में रह सकते हैं। इसी वजह से बड़ी तादाद में उनके विधायक टिकट के लिए अभी से थोड़े ठोक रहे हैं। जबलपुर की उत्तर-मध्य और पश्चिम विधानसभा सीट पर सिंधिया समर्थक नेता लगातार सक्रिय हैं।
कहा जा रहा है कि उनके समर्थक अरविंद पाठक जबलपुर की वेस्ट असेंबली सीट से टिकट चाहते हैं। वहीं, अन्य समर्थक प्रतापी सिंघी जैन बहुल उत्तर मध्य विधानसभा से चुनाव लड़ने के इरादे से आए हैं। सिंधिया अक्सर अपने जबलपुर दौरे के दौरान अरविंद पाठक और हर्षित सिंघई को अलग से तवज्जो देते हैं। शुक्रवार को भी ज्योतिरादित्य सिंधिया हर्षित सिंघई के पिता के निधन पर उनके घर शोक संवेदना व्यक्त किए गए थे।
सिंधिया समर्थक टिकट
जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार रविचंद्र दुबे का कहना है कि सिंधिया जिस तरह से बीजेपी में आए हैं, वहां पार्टी टिकट वितरण में बड़े नेताओं का कोटा सिस्टम चलता था। उसी सिस्टम के तहत नेता अपने समर्थक को टिकट दिलवाने में कामयाब हो गए। यही परिपाटी सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में भी जारी रख सकते हैं। माना जा रहा है कि जबलपुर की एक सीट से सिंधिया समर्थक स्थानीय नेता को टिकट मिल सकता है।
जमकर में जोश
हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में सिंधिया जबलपुर से अपने घोर समर्थक डॉ सत्येंद्र यादव को पनागर विधानसभा सीट से कांग्रेस का टिकट नहीं मिला था, जिसका उन्होंने यादव से अफसोस भी जाहिर किया था। साल 2020 में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे तो डॉक्टर सत्येंद्र यादव ने भी पार्टी से छुट्टी की घोषणा कर दी थी, लेकिन शाम तक ही उन्होंने अपना यह फैसला वापस ले लिया। वे आज भी कांग्रेस सेवा दल में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन निजी तौर पर उनके संबंधों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया से अभी भी प्रागाढ़ हैं। सिंधिया के इस दौरे से उनके बंधे में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।