
UNITED NEWS OF ASIA. मध्यप्रदेश | मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के रांझी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक एसएएफ (स्पेशल आर्म्ड फोर्स) का जवान सड़क किनारे गंभीर रूप से घायल हालत में पड़ा मिला। जब स्थानीय लोगों ने देखा कि जवान मदद की हालत में है, तो उन्होंने फौरन 108 एंबुलेंस को सूचना दी। लेकिन समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर लोगों ने बिना देर किए ई-रिक्शा की मदद से उसे सिविल अस्पताल रांझी पहुंचाया।
स्थानीय युवाओं ने निभाई इंसानियत
घटना सुबह की बताई जा रही है जब कुछ युवा रांझी एसएएफ बटालियन रोड से गुजर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक जवान औंधे मुंह घायल हालत में पड़ा हुआ है, जिसके शरीर पर कई चोटें नजर आ रही थीं। युवाओं ने तत्काल 108 एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन मदद समय पर न मिलने पर उन्होंने एक ई-रिक्शा रोका और घायल जवान को उसमें बैठाकर सीधे अस्पताल पहुंचाया।
इलाज जारी, जवान की हालत स्थिर
सिविल अस्पताल रांझी में जवान को प्राथमिक उपचार दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत अब स्थिर है। प्रारंभिक जांच में चोट का कारण फिसलना या असंतुलित होकर गिरना बताया जा रहा है, हालांकि पूरी स्थिति मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगी।
प्रशासन और एंबुलेंस सेवा पर उठे सवाल
घटना के बाद आम लोगों और सोशल मीडिया पर 108 एंबुलेंस सेवा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि जब सूचना दी गई थी, तो एंबुलेंस समय पर क्यों नहीं पहुंची, जबकि घायल की हालत नाजुक थी।
स्थानीय लोग बोले – “जरा सी देरी जान ले सकती थी”
एक प्रत्यक्षदर्शी युवक ने कहा—
“हमने फौरन 108 को कॉल किया, पर जब पांच-दस मिनट में भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो हम इंतजार नहीं कर सकते थे। अगर देर होती, तो शायद उसकी जान चली जाती।”
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