
UNITED NEWS OF ASIA. कुशल चोपड़ा, बीजापुर / छत्तीसगढ़ | बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र के ग्रामीण एक भयावह स्थिति से गुजर रहे हैं। क्षेत्र की नदी में बहते लाल रंग के आयरनयुक्त पानी के कारण पांच हजार से अधिक ग्रामीणों को पीने के लिए मजबूरन यही प्रदूषित पानी उपयोग करना पड़ रहा है। इससे न केवल लोग बीमार हो रहे हैं, बल्कि मवेशियों की भी मौत की खबरें सामने आई हैं।
गंभीर हालात से जूझते डुमरी और पालनार गांव के ग्रामीण सोमवार को बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा से मिलने पहुंचे। वे अपने साथ नदी का लाल पानी प्लास्टिक की बोतलों में भरकर लाए, ताकि कलेक्टर को स्थिति की भयावहता दिखाई जा सके। ग्रामीणों ने कहा – “हम अंदरूनी क्षेत्र में रहते हैं, जहां कलेक्टर साहब का दौरा नहीं हो पाता। इसलिए हम खुद पानी लेकर आए हैं।”
ग्रामीणों का आरोप है कि NMDC परियोजना की लापरवाही से यह प्रदूषण फैल रहा है, और वर्षों से इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि:
तत्काल लाल पानी की जांच हो
क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए
और NMDC से मुआवजा दिलाया जाए, ताकि बीमारियों और नुकसान की भरपाई हो सके।
कलेक्टर संबित मिश्रा ने ग्रामीणों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। प्रशासनिक टीम जल्द प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का आकलन करेगी।
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