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महिला आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर एक बार फिर से चर्चा में हैं।
विकास वैभव ने शोभा अहोतकर पर गली गलौज का आरोप लगाया है।
सख्त स्वभाव के कारण शोभा अहोतकर को हंटरवाली आईपीएस भी कहा जाता है।
पटना। बिहार के कडक मिजाज आईपीएस अधिकारियों शोभा अहोतकर (आईपीएस शोभा अहोतकर) एक बार फिर से चर्चा में हैं। विशेष रूप से बिहार के ही तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों में शुमार विकास वैभव (विकास वैभव) उन्होंने अपने ही डिपार्टमेंट की डीजी शोभा अहोतकर के अशोभनीय व्यवहार और गाली गलौज को लेकर सोशल मीडिया (सोशल मीडिया) ट्वीट किया था, जिसके बाद बिहार पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। वास्तव में विकास वैभव ने जिस शोभा अहोतकर पर आरोप लगाया है, वह निश्चित रूप से जाने जाने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सख्त स्वभाव के कारण हंटरवाली आईपीएस ने भी कहा है।
आईपीएस शोभा अहोतकर 1990 की विदेश मंत्रालय में अधिकारी हैं, जो अभी फायर ट्वेंटी और होमगार्ड के डीजी (अग्निशमन सेवाएं और होमगार्ड डीजी) हैं। शोभा अहोतकर निर्भीक, निष्पक्ष, ईमानदार और बेहद सख्त पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। शोभा अहोटकर जब पूर्वी शहर की एसपी थी तब एक नाबालिग बच्ची को अगवा करने के मुख्य अभियुक्त को पकड़कर बीच सड़क पर पीटा गया था। इस मामले में 2 घंटे के भीतर ही नाबालिग बच्ची को बरामद कर लिया गया था। उस समय भी पूरतनवासियों की नजर में शोभा अहोतकर की कडक इमेज बनी थी।
‘महाराष्ट्र से ज्यादा प्यार बिहार में मिला’
आपके शहर से (पटना)
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब शोभा अहोतकर देवघर में एएसपी तब उनका नाम एक शिकारी पुलिस अधिकारी के रूप में विख्यात था। शोभा अहोतकर का मानना है कि पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी है। किसी भी महकमे में अनुशासन लाने के लिए रुख अपनाना ही आसक्ति है। इस महिला आईपीएस अधिकारी को इस बात पर पूरा यकीन है कि कड़ा रुख अख्तियार करने पर लोग नियम कायदे का पालन करते हैं। शोभा अहोटकर को हमेशा बिहारवासियों से प्यार और सम्मान मिला है। शोभा अहोटकर का मानना है कि भले ही वे महाराष्ट्र (महाराष्ट्र) बिहार में रहने वाले उन्हें उतना ही ज्यादा महाराष्ट्र में ज्यादा प्यार नहीं मिला।
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जानें लोग क्यों करें हंटरवाली IPS को कॉल?
सवाल यह है कि क्या फाइनल है शोभा अहोतकर का नाम हंटरवाली क्यों पड़ा? बताया जाता है कि 22 साल की उम्र में ही शोभा उठाकर ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर ली थी। एक समय उनकी पोस्टिंग देवघर में हुई थी, उस समय वहां मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाली महिलाओं के साथ घूमना-फिरना होता था। इस मामले में जो भी अपराधी पकड़े गए थे उनकी जमकर पिटाई की गई थी और इसी कारण लोगों ने उन्हें शिकारीवाली नाम दिया। शोभा अहोतकर के पहले 1986 ईमेल के आईपीएस अधिकारी राकेश मिस्त्री देवघर में एसपी थे और उनके नाम से भी खतरे के खतरे थे। इस महिला अधिकारी का दावा है कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा मिली है। उनके पिता बलराम अहोटकर हैदराबाद में एक्साइज कमिश्नर थे। आज शोभा अहोटकर जो भी हैं वह श्रेय अपने पिता को देती हैं।
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पहले प्रकाशित : 10 फरवरी, 2023, 13:35 IST