लेटेस्ट न्यूज़

ताज़ातरीन के बीच अंतरराष्‍ट्रीय भूपेन्द्र पटेल, ‘अपना भूपेन्द्र भाई’ की खासियत

गुजरात में आम जनता के बीच ‘आपना भूपेन्द्र भाई’ (हमारे भूपेन्द्र भाई) के रूप में ‘आपणा भूपेन्द्र भाई’ के रूप में काम करने वाले मृग भूपेन्द्र पटेल ने अपनी इस जनप्रियता को और उत्कृष्ट बनाने के लिए रविवार को अपने राष्ट्रीय अभियान को एक और नया आयाम दिया।

गुजरात में आठ महीने पहले ही जनता के नकारात्मक विश्वास और समर्थन के साथ दूसरी बार सत्य की गणना वाले मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल इन दिनों गुजरात की इंच-इंच धरती नाप रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल राजधानी गांधीनगर में सक्रिय हैं, उतने ही सक्रिय गुजरात के गांव-गांव का दौरा कर रहे हैं। पटेल जनता से प्राप्त अपार विश्वास और समर्थन का प्रतिफल अपनी सरकार और स्वयं के अनुयायी के रूप में जनता से सीधे संवाद के लिए कई सिद्धांतों पर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जहां एक ओर राजधानी में दो दशक से चल रहे स्वागत ऑनलाइन कार्यक्रम के ज़रिये गुजरात के गांव-गांव और शहर-शहर से आने वाली जनता का समाधान कर रहे हैं, वहीं स्वयं भी ज़मीन पर उतर कर लोगों के सुख-दु: ख में अपनी भागीदारी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अपने पद के पहले चरण की बात करते हुए दूसरे चरण में भी जनता से संपर्क बनाए रखने के लिए नई-नई पहल करना जारी रखा है और पिछले कुछ समय से उन्होंने जनता के बीच अस्थिर क्षेत्र का और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का नूतन दृष्टिकोण साझा किया है। गुजरात में आम जनता के बीच ‘आपना भूपेन्द्र भाई’ (हमारे भूपेन्द्र भाई) के रूप में ‘आपणा भूपेन्द्र भाई’ के रूप में काम करने वाले मृग भूपेन्द्र पटेल ने अपनी इस जनप्रियता को और उत्कृष्ट बनाने के लिए रविवार को अपने राष्ट्रीय अभियान को एक और नया आयाम दिया।

निगम में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल रविवार को अचानक राज्य के उन सुदूरवर्ती विद्यार्थियों के बीच पहुंच गए, जहां से पहले कोई मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे। मृदु, मितभाषी और दृढ़ मुख्यमंत्री के रूप में जनमानस में लोकचाहना प्राप्त कर रहे भूपेन्द्र पटेल ने अपने समान सरल, सहज और मिलनसार स्वभाव का परिचय देते हुए बुधवार की रात राज्य के नामकरण और तापी जिलों में सुदूरवर्ती आदिवासियों के गाँव पहुँचे।

भूपेन्द्र पटेल ने अपने राष्ट्रीय अभियान में ‘मुलाकात ही नहीं, बात भी-भात-भी-रात भी’ का प्रयोग करते हुए रविवार को केवल आदिवासी ग्रामीणों के साथ एक ग्रामीण की रात्रि सभा की, बल्कि उनके साथ बातचीत की, भोजन भी किया। और गांव में ही रात भी बिताई। जदयू ग्रामीण राज्य के मुख्यमंत्री को अपने बीच में पशुधन से लाभ दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस मुलाक़ात के दौरान जिस प्रकार राज्य सरकार के स्थानीय कर्मचारियों (कर्मयोगियों) और ग्रामीणजनों के साथ अविश्वास बातचीत की, वे लोग मंत्रमुग्ध हो गए। इसी वजह से इन युवाओं के बीच भी मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने ‘अपना मुख्यमंत्री’ की खासियत बताई।

महाराष्ट्र सीमा से सटे जावली गाँव पहुँचे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल नूतन के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के तहत सबसे पहले नॉमिनेशन जिले में सागबारा तहसील के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल गांव जावली पहुंचे। महाराष्ट्र की सीमा से सटे गुजरात के इस प्रथम गांव जावली में बुधवार शाम को मुख्यमंत्री ने पहले तो स्थानीय ग्रामसेवक, पटवारी, वीसीई, रसोईए, राशन और स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ संवाद बैठक की। इतना ही नहीं, उन्होंने गांव में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आंगनबाडी-नंदघर, ग्राम पंचायत का दौरा कर उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर परिसर में राष्ट्रीय क्षय निर्मूलन कार्यक्रम के तहत संचालित आधुनिक मोबाइल डिजिटल एक्स-रे वैन को देखा और स्वास्थ्य अधिकारियों से इस वैन की कार्यपद्धति के बारे में जानकारी हासिल की।

‘बाइपरजॉय’ का उल्लेख करना नहीं भूले मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने जावली में अपने चिरपरिचित पुजारी का भी परिचय दिया, जब उन्होंने एक क्षयरोगियों को धार्मिक अनुष्ठान किट प्रदान की, तो उन्होंने अपने कुशलक्षेम पुजारी और साथ में ही स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए स्वास्थ्य का ध्यान बनाए रखा। पटेल जावली गाँव में अरविंदभाई अशोकभाई वसावा के घर भी पहुँचे। वहां उन्होंने वसावा और उनके अवशेषों के साथ संवाद किया और कहा कि उन्हें सरकारी मंजूरी के लाभ और अन्य ढांचा मिल रहे हैं या नहीं? मुख्यमंत्री ने अपने साथ आत्मजन की भावना गोष्ठी करते हुए उन्हें मिल रही जल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी प्राथमिक सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।

अपनी इस मुलाक़ात के दौरान मुख्यमंत्री राज्य को पिछले दिनों बड़ी चुनौती देने वाले बिपरजॉय मील का पत्थर का उल्लेख करना नहीं भूले। उन्होंने गांव की एक महिला कलावती बहन वाळवी के घर पहुंच कर उनसे बिपरजॉय मील के बाद उनकी कृषि फसलों के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री के इस बगल से मंत्रमुग्ध कलावती बहन ने कहा कि बिपरजॉय माइनिफायर से गांव और खेती सुरक्षित रह रहे हैं, कोई नुक्सान नहीं सहना पड़ा। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रम की सराहना की।

रात्रि विश्राम के साथ रात्रि भोजन

मुख्यमंत्री ने जावली गाँव में विश्राम के साथ ही स्वजन सहज भोजन कराया। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणजनों और छात्रों के साथ रात्रि सभा कर संवाद-गोष्ठी का आयोजन किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 9 साल में गुजरात सहित देश भर के आदिवासियों और वनबंधुओं के कल्याण कार्यक्रम का भी वर्णन किया।

कर्म से धर्म तक; एक-एक बात का रखा ध्यान

मुख्यमंत्री ने गांव से जुड़ी एक-एक बात का ध्यान रखा। उन्होंने राशन कार्डधारकों के बारे में जानकारी प्राप्त की, जिसमें बताया गया कि सबारा में राशन की 38 इकाइयां हैं, जिनके माध्यम से 18025 एनएफ एस कार्ड धारक परिवार के 89 हजार लोग निवास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गांव के स्कूल की सुविधा, पुस्तकालय, स्वास्थ्य केंद्र में प्राप्त सेवाएं और ई-ग्राम विश्वग्राम के अंतर्गत पंचायत घर में प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्राप्त सेवाओं की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जावली में हनुमानजी मंदिर में आरती में भाग लिया और इसी गांव में रात्रि विश्राम भी किया। ऐसा पहली बार हुआ कि जावली गांव में कोई मुख्यमंत्री आए और उन्होंने रात्रि विश्राम किया। इस बात से गांव में जश्न और उमंग-उल्लास का माहौल छा गया।

बच्चों के साथ बालसहज बने मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल जावली में रात्रि विश्राम के दौरान गांव के बच्चों के साथ बालसहज में आयोजित गोष्ठी की। पटेल ने विद्यार्थियों से उनके अध्ययन और प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बच्चों को निरंतर प्रशिक्षित जीवन, जिज्ञासा वृत्ति का जन्म और आज्ञाकारी बनने की सीख दी।

दिन बर्बाद ही डाबरी अम्बा पहुँचे मुख्यमंत्री

भूपेन्द्र पटेल ने जावली में रात्रि विश्राम के बाद सुबह गाँव के प्राथमिक विद्यालय के कक्षा-कक्ष का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने बच्चों के साथ व्हीलचेयर पर बैठकर लड़ाई की। गुरुवार का दिन राक्षस ही मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल एक और आदिवासी बहुल जिले तापी में डाबरी आंबा गांव में रहेंगे। पटेल ने डाबरी आंबा गांव में दूध उत्पादकों सहयोगी मंडली का निरीक्षण किया और मंडली के सदस्यों और अन्य सदस्यों के साथ संवाद किया। उन्होंने प्लांटर्स से दूध एकत्रीकरण, वितरण व्यवस्था और पोर्टफोलियो के विषय में सूक्ष्मरातिसूक्ष्म जानकारी प्राप्त की।

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page