
UNITED NEWS OF ASIA. भारती कौर, बालोद। जवाहर नवोदय विद्यालय, दुधली (जिला बालोद) के विशेष आमंत्रण पर प्रख्यात समाजसेवी एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शिरोमणि माथुर का विद्यालय आगमन हुआ। इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए न केवल शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि लेखन, साहित्य, संगीत, कला, कंप्यूटर, खेलकूद, सिलाई-कढ़ाई, ड्राइंग और पेंटिंग जैसी विविध गतिविधियों में भी रुचि लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं होती, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी वे उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।
समय प्रबंधन और लक्ष्य साधना पर विशेष जोर
डॉ. माथुर ने समय के सदुपयोग पर बल देते हुए कहा, “समय कीमती है, अभी कोई बड़ी जिम्मेदारियां नहीं हैं, इसलिए जो भी सीखना और करना चाहते हैं, वह अभी करें। अभी नहीं तो कभी नहीं।” उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से लिखने और प्रतिदिन उसे दोहराने की सलाह दी, जिससे अंतर्मन उसे स्वीकार कर ले और उसी दिशा में कार्य करने लगे।
उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि “अच्छे कर्मों का परिणाम सदैव अच्छा होता है। यदि हम बबूल का बीज बोएंगे, तो आम की अपेक्षा नहीं कर सकते।” इसी संदर्भ में उन्होंने सकारात्मक सोच और आध्यात्मिकता को जीवन में शामिल करने की बात कही।
साहित्यिक चर्चा और प्रेरणादायक काव्य पाठ
बच्चों की जिज्ञासा को देखते हुए, डॉ. माथुर ने साहित्य की विभिन्न विधाओं पर विस्तार से चर्चा की। बच्चों के विशेष आग्रह पर उन्होंने अपनी स्वरचित कविता “लक्ष्मण-रावण संवाद” का प्रभावी पाठ किया। वहीं, विद्यालय की शिक्षिका संध्या टंडिया के अनुरोध पर उन्होंने “रुक्मणि-कृष्ण संवाद” प्रस्तुत कर कृष्ण और सुदामा की मित्रता को जीवंत कर दिया।
सम्मान और स्मृति भेंट
इस प्रेरणादायक कार्यक्रम में विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती साधना दलेला, उप प्राचार्य श्री एन.पी. नामदेव, शिक्षकों, छात्राओं एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य श्रीमती साधना दलेला ने डॉ. शिरोमणि माथुर को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही, डॉ. माथुर ने अपनी स्वरचित पुस्तकें विद्यालय को भेंट स्वरूप प्रदान कीं।
विद्यालय परिवार ने इस प्रेरणादायक सत्र के लिए डॉ. शिरोमणि माथुर का आभार व्यक्त किया और विद्यार्थियों ने उनके मार्गदर्शन को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।













