जयपुर समाचार: अशोक गहलोत सरकार (सीएम अशोक गहलोत) आज से दो महीने तक पूरे प्रदेश में फैला राहत कैंप लगा रहा है। पूरे प्रदेश में 2000 से अधिक राहत भरे झटके दिखाएंगे। इन लोगों को कुल 10 बड़ी योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करना है। उसका व्यक्ति लाभ में जुड़ जाएगा। ऐसी योजना के तहत सरकार जनता लाभ प्रदान किया जा रहा है। सरकार जहां इस राहत अभियान के माध्यम से जनता को प्रत्यक्ष से राहत देने की बात कर रही है। वहीं अन्य सरकार पर पेपर लीक और अन्य मामलों में दोहरा हमला कर रही है। सरकार के लिए बड़ी मुसीबत वही पार्टी के विधायक और मंत्री बने हैं, जो कागज लीक और भ्रष्टाचार पर लगातार सवाल छोड़ रहे हैं। अब सभी ने मोर्चा खोल दिया है। सबसे पहले रिलीफ कैम्प पर कई आरोप लगते हैं। सरकार को पूरी तरह से घोटालों की योजना है। सरकार कैसे विवरण या राहत पाएगी यह कहना मुश्किल है।
कैंप से पहले सचिन पायलट के सवाल
अधिकृत राहत शिविर से एक दिन पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए बाबूलाल कटारा की भूमिका पर सवाल खड़े किए। उन्हें याद है कि विधानसभा के चुनाव में वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार की जांच की बातें और दावे कैसे हुए, लेकिन अब सरकार में आने के बाद हम उस पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। हम जनता से किए वादों के अनुसार काम नहीं कर पा रहे हैं। यह प्रश्न पायलट ने फिर तब पूछा है जब सरकार जनता को प्रत्यक्ष राहत अभियान के माध्यम से राहत देने की बात कह रही है।
गहलोत सरकार पर भी कड़ा प्रहार किया
सरकार से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कई सवाल किए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जनता को इस राहत शिविर में परेशान किया जा रहा है। जब बजट की घोषणा हुई थी तो जनता को आसानी से पोछना पड़ा था। सब कैम्प लगाया जा रहा है। वह किरोड़ी लाल मीणा लगातार सरकार को लीक मामले में घोर निंदा कर रहे हैं। हनुमान बेनीवाल और आप भी अशोक गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। इसे सरकार पर दोहरा हमला माना जा रहा है। क्या सरकार इसका पता लगा पाएगी या यूँ ही सब कुछ छूट जाएगा।
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