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इंदौर हाईटेक गिरोह का पर्दाफाश जानिए कैसे अंजाम दिया गया चोरी की घटनाओं का एएनएन

इंदौर चोर गिरोह: इंदौर पुलिस ने चोरी की 70 से अधिक वारदात को अंजाम देने वाले अंतरराजीय गिरोह का खुलासा किया है। ये चोर वारदात को अंजाम देने में वॉकी-टॉकी का भी इस्तेमाल करते थे। पकड़े गए चोर गुटों से वॉकी-टॉकी, लाखों के जेवर सहित घड़ियाल भी बरामद किए गए।

नागपुर और सिकंदराबाद में भी गिरफ्तारियां हुईं
विशेष रूप से इंदौर पुलिस ने एक ऐसे चोर गुट को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जो महाराष्ट्र राजस्थान और सिकंदर सहित मध्य प्रदेश में 70 से भी अधिक पढ़ने को अंजाम देता है। यह गुट संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन राजीव निगम के घर में भी चोरी की थी। पकड़े गए तीनों आरोपियों के पिता शासकीय नौकरी में भोपाल में पदस्थ हैं। गैंग के सदस्य नागपुर और सिकंदराबाद में भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।

दूसरे राज्यों में भी दृश्य को सुनाते हैं
मंगलवार दोपहर एडिश्नल डीसीपी राजेश व्यास ने बताया कि इंदौर की लसूड़िया थाना पुलिस ने एक ऐसे अंतरराजिय गठजोड़ का पर्दाफाश किया है, जो राजस्थान, महाराष्ट्र, हैदराबाद और मध्य प्रदेश के कई शहरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है। पकड़े गए गिरोह के तीन सदस्यों में मुख्य सरगना अनूप अपने अन्य तीन साथियों के साथ मिलकर काम करता था।

छह लाख का माल बरामद
एडिश्नल के डीसीपी राजेश व्यास ने बताया कि इसी गुट ने पिछले दिनों लसूडिया इलाके में रहने वाले संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन राजीव निगम के घर चोरी की सूरत को अंजाम दिया था, जहां सोना और चांदी के ख्याल सहित जाम और खतरनाक घड़ी लेकर शेयर बुक किया हो गया . उसकी पुलिस की खोज में था। मुखबिर की सूचना पर तीन दस्तावेजों को पकड़ने वालों से 6 लाख रुपये का माल बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि फैशनेबल कपड़े, महंगे जूते और नकली दिखने में घूमने में शौक रखने वाले इस गट ने लग्जरी लाइफ और मौज मस्ती के लिए भोपाल में एक लग्जरी फार्म हाउस भी खरीदा था।

उस आलिशान फार्म हाउस में अय्याशी के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं। पुलिस के मुताबिक, एटीएम ब्रेक इतने शातिर हैं कि सोते समय वॉकी टॉकी का इस्तेमाल करते थे। गैंग को आठ महीने पहले नागपुर पुलिस द्वारा भी गिरफ्तार किया जा चुका है, जहां पर 35 से भी अधिक चोरी की वारदातें कबूल करने वाले थे। हैदराबाद और राजस्थान पुलिस भी इसी गुट की तलाश में जुटी हुई थी।

सोने को गलाने के लिए रखा था टूलकिट
एडिश्नल डीसीपी ने बताया कि पंचर किए गए सोने को गलाने के लिए टूलकिट भी साथ रखते थे। पुलिस ने वह हथियार भी इस गुट से बरामद किया है। पूछताछ में गुट के सदस्यों ने बताया कि तिकड़ी ही पहचान के पिता शासकीय नौकरी में पदस्थ हैं। मूल रूप से गैट यूपी रहने वाला है। चोरी की देखने से पहले कॉलोनी में टेलीकॉम कंपनी के इंजीनियर बताते हैं कि कॉलोनी के रेकी करते थे और फिर सूने मकान को देखकर वैसा ही अंजाम देते थे। पकड़े गए पुलिस की पूछताछ में अब तक 70 चोरों ने अपनी संलिप्तता कबूल की है। अभी पुलिस गैंग से अन्य और भी मुठभेड़ के मामले में पूछताछ करने में जुटी है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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