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भारतीय रेलवे जल्द लायेगा वंदे मेट्रो और चेक रेलगाड़ियां, पुरानी ट्रेन के 1000 से अधिक कोचों का भी नवीनीकरण करेंगे

वंदे के अलावा भारतीय रेलवे ने अलग-अलग खड़िया व पहाड़ी पर प्रति गाड़ी 80 करोड़ रुपये की चार्ट लागत और प्रति मार्ग 70 करोड़ रुपये की आधार अवसंरचना पर चुनाव फॉर हेरिटेज के तहत 35 प्राधिकरण रेलगाड़ियां बढ़ाने की परिभाषा भी है।

अब तक आपने वंदे भारत ट्रेन को देखा होगा इसमें यात्रा का आनंद लिया होगा लेकिन अब भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे मेट्रो ट्रेनें भी शुरू करने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद भारत जल्द ही वंदे मेट्रो लॉन्च करेगा। उनका कहना है कि यह एक लोक ट्रेन होगी जो दो शहरों को जोड़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल तक वंदे भारत मेट्रो का डिजाइन तैयार कर लिया जाएगा और 1 से डेढ़ साल तक इसका परीक्षण कर इसे ट्रैक पर यात्रियों के लिए चढ़ाई करेंगे।

हम आपको बताते हैं कि अश्विनी वैष्णव के रेल मंत्री बनने के बाद से तकनीकी लॉकडाउन से रेलवे में कई आधुनिक बदलाव आते हैं और कई बड़े परिवर्तन आने वाले भी हैं। रेल मंत्री की संसद में दिए गए बयानों पर ध्यान दें तो भारतीय रेल ने विभिन्न खड़िया व पहाड़ी पर 35 भ्रमण रेलगाड़ियों को चलाने की परिकल्पना भी की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस सप्ताह बताया कि भारतीय रेल ने विभिन्न पहाड़ियों व पहाड़ी पर प्रतिबद्ध गाड़ी पर 80 करोड़ रुपये की देनदारी और प्रति मार्ग 70 करोड़ रुपये की आधार अवसं पर रचना “हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज” के तहत 35 प्राधिकरण रेलगाड़ियां चलाने की परिभाषा की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रेल ने 111.83 करोड़ रुपये की लागत पर आधारभूत अवसंरचना के साथ-साथ मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) रेक को अधिकार ईंधन संचालित करने के लिए आवश्यक बदलाव की खातिर एक परियोजना को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने बताया कि इस रेलगाड़ी को उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि जींद-सोनीपत खंड पर पहले नमूनों का जमीनी परीक्षण वर्ष 2023-2024 में शुरू करने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि भराव कार-सेट की आरंभिक चालन लागत अधिक होगी, जिसे बाद में क्रम से संख्या में वृद्धि करके कम किया जाएगा।

रेलवे के नए रिकॉर्ड

दूसरी ओर, रेलवे टिकटों को जारी करने में भी नया रिकॉर्ड बन रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारतीय रेलवे टिकट जारी करने की क्षमता प्रति मिनट 25,000 से बढ़ाकर 2.25 लाख करें और पूछताछ की क्षमता प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में 7,000 किलोमीटर किलोमीटर की नई रेल पटरी का भी लक्ष्य तय किया है। मंत्री ने कहा, “चालू वित्त वर्ष में 4,500 किलोमीटर (12 किलोमीटर प्रतिदिन) रेल पटरी का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया गया है।”

दुर्घटनाएं घटित नहीं हुईं

जहां तक ​​रेलवे की ओर से सब्सिडी खर्च की बात है तो आपको यह भी बता दें कि भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2019-20 में यात्रियों के टिकट पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए औसतन लगभग 53 प्रतिशत की सब्सिडी है। जो लोग रेलवे की ओर से हर तरह की चीजें खत्म करने की चीजें खत्म करते हैं, वे राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के जवाब को जरूर हासिल करते हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि सब्सिडी के ऊपर भी कई निर्देशांक, छात्रों और आश्रितों को संकेत दिए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी सरकार 60 साल से अधिक उम्र वालों को पहले दी जा रही छूट को बहाल करने की योजना बना रही है।

इस बार के बजट से रेलवे को क्या मिला?

जहां तक ​​इस बार के बजट में रेलवे को क्या मिला, इस बात का सवाल है तो आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मल लक्ष्य ने 2023-24 के आम बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत प्रमाण्य विकल्प चुना है जो रेलवे के के लिए अब तक की सबसे अधिक पूंजीगत अभिव्यय है। रेलवे को मौजूदा बजट प्रस्ताव में परिव्यय, 2013-14 अर्थात कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विकल्प दिया गया है जो कुल पूंजीगत परिव्यय का लगभग 9 गुना है।

इस बार के बजट में साझेदारी, प्रमाणपत्र और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए अंतिम और प्रथम-मील समझौते के लिए 100 महत्वपूर्ण परिवहन संरचना योजना की पहचान की गई है, जिसे 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा। इसमें 15 हजार करोड़ रुपये निजी क्षेत्र का होगा। यात्रा करने वाले यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ रेलवे की राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफ़र और तेजस जैसी प्रमुख रेलगाड़ियों में 1,000 से अधिक कोचों के नवीनीकरण की योजना भी बन रही है। इन कोच के आंशिक अंशों को बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के होश से इसमें सुधार किया जाएगा। रेलवे के पुराने ट्रैक को बदलने के लिए महत्वपूर्ण करार किए जाने की संभावना है, क्योंकि रेलवे, ट्रेन को गति देने और अधिक स्थानों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत करने की योजना बना रही है। झुकाव को आकर्षित करने के लिए रेलवे 100 और विस्टाडोम कोच बनाने का प्रस्ताव भी कर रहा है।

मुंबई और महाराष्ट्र की सहुलियतें मिलीं

दूसरी ओर, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए रेलवे की ओर से दी गई नई सहूलियतों की बात करें तो मुंबई से दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से एक इस सप्ताह छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पहुंचें। अगले हफ्ते से इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू करने वाले हैं। तीव्र गति वाली ट्रेन 10 फरवरी को अपनी पहली दौड़ से पहले अपने “पार्किंग ब्रेक” का परीक्षण करने के लिए मुंबई के बाहरी इलाके के पहाड़ी क्षेत्रों में परीक्षण से गुजरेगी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को मुंबई-सोलापुर और मुंबई-शिर्डी मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू कर सकते हैं।

जहां तक ​​रेलवे की ओर से बजट में महाराष्ट्र के लिए जीडीपी की बात है तो आपको बता दें कि महाराष्ट्र में रेलवे के लिए 13,539 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड बना है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार से केंद्र सरकार को अच्छा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने साथ ही यह आरोप दोहराते हुए कहा कि जब उड़ने वाला दावेदार सदस्य थे, तो बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को सरकार से कोई मंजूरी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा, ”मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (पूरा होने) की समय सीमा अगस्त 2026 है।”

-गौतम मोरारका

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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