नयी दिल्ली: भारत सरकार ने शुक्रवार को देश के विभिन्न हिस्सों में 782.81 हेक्टेयर रेल भूमि पर दस्तखत किए हैं और पिछले तीन वर्षों के दौरान कुल 38.64 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में लिखित एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। संयुक्त राज्य में बताया गया है कि ’31 मार्च 2022 की स्थिति के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में 4.86 मिलियन हेक्टेयर रेल भूमि में से कुल 782.81 हेक्टेयर (0.16 प्रतिशत) रेल भूमि का अनुपात कम है।’
‘अस्थायी सम्बन्ध को हटा दिया जाता है’
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे द्वारा नियमित रूप से सर्वेक्षण किया जाता है और सूची को हटाने की कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा, ‘किसी मामले में अटकी झुग्गियां, झोपड़ियां और अवैध अस्पष्टताएं अस्थायी प्रकृति के हैं तो उन्हें रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय नागरिकों की सहायता से हटा दिया जाता है।’ उन्होंने कहा कि पुराने हिस्से, जो पक्के जुड़ (कठोर घुमाव) के रूप में हैं, यदि किसी पक्ष को समझा-बुझाकर नहीं मनाया जाता है, तो वहां संबंधित कानून के तहत समय-समय पर कार्रवाई की जा सकती है।
रेलवे राज्य सरकार की इस बात का करती है विरोध
वैष्णव ने कहा कि रेलवे के लगातार प्रयासों से पिछले तीन वर्षों के दौरान कुल 38.64 हेक्टेयर भूमि को सूचीबद्ध करने का मुआयना किया गया है। उन्होंने कहा कि रेल भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को पानी, बिजली कनेक्शन और अन्य नागरिक सुविधा प्रदान करने के राज्य सरकार के फैसले का रेलवे हमेशा विरोध करता है।
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